महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को शिवाजी की प्रतिमा गिरने के लिए ही नहीं, बल्कि नोटबंदी, किसान विरोधी विधेयकों और जीएसटी के लिए भी माफी मांगनी चाहिए.
राहुल गांधी ने कहा कि 17वीं सदी के महान योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान हुआ है, इसके लिए प्रधानमंत्री को महाराष्ट्र के प्रत्येक व्यक्ति से माफी मांगनी चाहिए. गौरतलब है कि 26 अगस्त को राजकोट किले में शिवाजी की प्रतिमा गिरने के बाद पीएम मोदी ने माफी मांगी थी. प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह महान राजा अपने 'देवता' और उन लोगों से माफी मांगते हैं जिनकी भावनाएं आहत हुई हैं.
पीएम मोदी ने किस लिए माफी मांगी?
राहुल गांधी ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने किस बात के लिए माफी मांगी है, क्या इसलिए कि शिवाजी की प्रतिमा बनाने का ठेका आरएसएस के एक ऐसे व्यक्ति को दिया गया जिसके पास कोई पात्रता नहीं थी या इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के लिए.'
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी को जवाब देना चाहिए कि सारे ठेके केवल अडानी और अंबानी को ही क्यों दिए जाते हैं? वह केवल दो व्यक्तियों के लिए सरकार क्यों चला रहे हैं? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसान विरोधी कानूनों के लिए माफी नहीं मांगी है, जिन्हें बाद में विरोध के कारण वापस ले लिया गया था. उन्होंने मांग की कि मोदी नोटबंदी और गलत माल एवं सेवा कर के लिए माफी मांगें.
दो व्यक्तियों के लिए छोटा कारोबार किया खत्म
राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी मणिपुर नहीं गए, जो गृहयुद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहा है क्योंकि बीजेपी ने खुद पूर्वोत्तर राज्य को आग में झोंक दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि 2 व्यक्तियों के लाभ के लिए छोटे और मध्यम व्यवसायों को खत्म किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अदाणी और अंबानी समूह रोजगार पैदा नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि स्वर्गीय पतंगराव कदम ने अपना जीवन कांग्रेस पार्टी, महाराष्ट्र और देश को समर्पित कर दिया और विकास एवं शिक्षा के प्रसार के लिए काम किया.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र हमेशा एक प्रगतिशील राज्य रहा है और छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति शाहू महाराज, डॉ. बीआर आंबेडकर और महात्मा ज्योतिराव फुले ने प्रगतिशील मार्ग दिखाया जिससे हर कोई प्रेरणा लेता है. इन महान हस्तियों की विचारधारा कांग्रेस की विचारधारा से मिलती-जुलती है. महाराष्ट्र में कांग्रेस की विचारधारा की नींव और उसका डीएनए है. आज की राजनीति दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है. हम सामाजिक प्रगति चाहते हैं और सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं, जबकि भाजपा कुछ चुनिंदा लोगों का विकास चाहती है. (PTI इनपुट के साथ)
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