'जिन्होंने 'लाल किताब' पढ़ी नहीं, उन्हें कोरे पन्ने ही दिखेंगे', राहुल गांधी का PM मोदी पर पलटवार

Written By रईश खान | Updated: Nov 14, 2024, 04:49 PM IST

Rahul Gandhi targeted PM Modi

राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी को लाल रंग की किताब से आपत्ति है. लेकिन हमारे लिए रंग चाहे जो भी हो, हम संविधान को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपनी जान देने के लिए भी तैयार हैं.

महाराष्ट्र चुनाव में संविधान का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. राहुल गांधी ने पीएम मोदी के उस बयान पर पलटवार किया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी को लगता है कि संविधान की 'लाल किताब' जो वह दिखाते हैं वह खाली है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने कभी इसे पढ़ा ही नहीं. उन्होंने कहा कि बीजेपी को लाल रंग की किताब से आपत्ति है. जिसे वह रैलियों में दिखाते हैं.

राहुल गांधी महाराष्ट्र के नूंदरबार में एक रैली को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि संविधान में भारत की आत्मा और बिरसा मुंडा, डॉ.बीआर आंबेडकर और महात्मा गांधी जैसे राष्ट्र नायकों द्वारा परिकल्पित सिद्धांत शामिल हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी को किताब के लाल रंग से आपत्ति है. लेकिन हमारे लिए रंग कोई मायने नहीं रखता. रंग चाहे जो भी हो हमें सविधान बचाना है और इसके लिए हम जान देने के लिए भी तैयार हैं.

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राष्ट्रनायकों का अपमान कर रहे पीएम मोदी
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी जी को लगता है कि संविधान की किताब कोरी है, क्योंकि उन्होंने इसे कभी पढ़ा ही नहीं है. बीजेपी नेताओं ने 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपने अभियान में राहुल गांधी द्वारा प्रदर्शित लाल किताब को शहरी नक्सलवाद से जोड़ने का प्रयास किया है. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी ऐसी टिप्पणियां करके राष्ट्रनायकों का अपमान कर रहे हैं.

छात्रों के प्रदर्शन पर क्या बोले राहुल
यूपी के प्रयागराज में UPPSC के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन पर राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ' प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों के साथ UP सरकार और उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग का रवैया बेहद असंवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण है. नॉर्मलाइजेशन के नाम पर गैर-पारदर्शी व्यवस्था अस्वीकार्य है और एक पाली में परीक्षा की छात्रों की मांग बिल्कुल न्यायपूर्ण है. 

उन्होंने कहा, 'शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने में जुटी भाजपा सरकार की अक्षमता की कीमत आख़िर छात्र क्यों चुकाएं? पढ़ाई करने वाले छात्रों को सड़क पर लड़ाई करने को मजबूर कर दिया गया है और अब उनका पुलिस के जरिए उत्पीड़न किया जा रहा है. अपने और अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए घर से दूर रहकर साधना कर रहे युवाओं के साथ ये अन्याय हम स्वीकार नहीं करेंगे. हम प्रतियोगी छात्रों की मांग का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को तानाशाही से नहीं दबाया जा सकता.' (PTI इनपुट के साथ)

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