डीनएए हिंदी: महाराष्ट्र का रायगढ़ जिला इन दिनों चर्चा में है. भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन में यहां का इरशालवाड़ी गांव ही धंस गया. लगभग 50 घर पूरी तरह से मलबे में दब गए. इसी मलबे में 100 से ज्यादा लोग भी दब गए थे. अभी तक 27 शवों को बाहर निकाला जा चुका है. रिपोर्ट के मुताबिक, अभी भी 81 लोग लापता हैं. रविवार सुबह चौथे दिन भी यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेंसियां मिलकर मलबा हटा रही हैं ताकि लोगों को इसके नीचे से निकाला जा सके. हालांकि, अब लोगों के जिंदा बचे होने की उम्मीद कम ही जताई जा रही है.
अधिकारियों ने बताया कि इस भूस्खलन में कम से कम 27 लोगों की मौत हो चुकी है. एनडीआरएफ के एक अधिकारी के अनुसार, रविवार सुबह खोज और बचाव अभियान बहाल होने के बाद अभी तक कोई शव बरामद नहीं किया गया है. मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर तटीय रायगढ़ जिले की खालापुर तहसील में एक पहाड़ी पर स्थित आदिवासी गांव में बुधवार रात भूस्खलन हुआ था.
यह भी पढ़ें- यमुना के बाद अब हिंडन नदी में आई बाढ़, नोएडा में घरों में घुसने लगा पानी
मशीनों से नहीं हटाया जा रहा है मलबा
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि गांव के 48 में से कम से कम 17 मकान पूरी तरह से या आंशिक रूप से मलबे में दब गए. इससे पहले, अधिकारियों ने कहा था कि शनिवार को भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 27 हो गई, जबकि 81 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. अंधेरे और खराब मौसम के कारण शनिवार रात को खोज एवं बचाव अभियान बंद कर दिया गया था. रविवार सुबह इसे फिर से शुरू किया गया.
यह भी पढ़ें- हिमाचल से गुजरात तक मची तबाही, बाढ़, भूस्खलन और जलभराव से बेहाल हुआ भारत
इस बचाव अभियान में मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है क्योंकि गांव तक जाने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं होने के कारण वहां मिट्टी की खुदाई करने वाले यंत्रों को ले जाना आसान नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि अभी तक बरामद हुए 27 शवों में से 12 शव महिलाओं, 10 पुरुषों और चार बच्चों के हैं, जबकि एक व्यक्ति की शिनाख्त अभी नहीं हो पाई है. उन्होंने बताया कि इस हादसे में एक ही परिवार के नौ सदस्यों की मौत हो गई. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे ने शनिवार को इरशालवाड़ी के निवासियों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बसाया जाना चाहिए.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.