डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरण हर दिन नया रूप ले रहे हैं. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के चीफ और उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे (Raj Thackeray) इन दिनों सीएम एकनाथ शिंदे से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं. बीएमसी चुनावों (BMC Elections) से ठीक पहले यह नजदीकी अलग ही गुल खिला सकती है. इन चुनावों में उद्धव ठाकरे के गुट वाली शिवसेना की प्रतिष्ठा दांव पर है. बीजेपी ने पहले ही ऐलान किया है कि वह एकनाथ शिंदे गुट के साथ मिलकर ही यह चुनाव लड़ेगी. देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी, एकनाथ शिंदे की अगुवाई में ही चुनाव में उतरेगी.
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के जून में गिरने के बाद से उनके चचेरे भाई और धुर प्रतिद्वंद्वी राज ठाकरे की एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बढ़ती नजदीकियों ने नए राजनीतिक गठजोड़ की चर्चा को जन्म दिया है. शिंदे और फडणवीस ने दिवाली की पूर्व संध्या पर शिवाजी पार्क में मनसे के दीपोत्सव कार्यक्रम के लिए राज ठाकरे से मुलाकात की. तीनों के बीच बढ़ती नजदीकियां तब और स्पष्ट हुईं, जब वे मनसे प्रमुख के आवास से शिवाजी पार्क में कार्यक्रम स्थल पर एक साथ पहुंचे.
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अंधेरी ईस्ट सीट के लिए राज ठाकरे ने फडणवीस को लिखी थी चिट्ठी
राज ठाकरे ने पिछले महीने देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र लिखा था, जिसमें उनसे शिवसेना के दिवंगत विधायक रमेश लटके की पत्नी के पक्ष में अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव से बीजेपी उम्मीदवार का नाम वापस लेने का आग्रह किया गया था. बीजेपी ने बाद में अपने उम्मीदवार का नाम वापस ले लिया था, जिसके लिए राज ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस को धन्यवाद दिया था.
आपको बता दें कि शिवसेना के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के दौरान राज ठाकरे ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाया था और अयोध्या जाने की घोषणा की थी. महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी और शिंदे गुट के नेताओं ने राज ठाकरे से विभिन्न मौकों पर मुलाकातें कीं. शिंदे और फडणवीस ने भी मनसे प्रमुख से अलग-अलग मुलाकात कीं. राज ठाकरे ने अपने 'मित्र' फडणवीस को एक पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करके अपनी पार्टी के प्रति वफादारी और प्रतिबद्धता का उदाहरण स्थापित करने के लिए उनकी सराहना की. हालांकि, हर पक्ष ने राज्य में संभावित गठजोड़ पर आधिकारिक तौर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
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बीएमसी चुनाव से पहले अहम है यह झुकाव
मनसे के एकमात्र विधायक राजू पाटिल ने कहा कि फडणवीस के बाद एकनाथ शिंदे ने दीपोत्सव कार्यक्रम में राज ठाकरे से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि वे दिल से और करीब आए हैं लेकिन नेतृत्व के कहे अनुसार ही काम करेंगे. शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ गठबंधन करने के बाद बीजेपी और मनसे के बीच एक नए राजनीतिक गठजोड़ की बातें जोर पकड़ रही हैं. ऐसी संभावनाएं तब बन रही हैं जब नगर निगम चुनाव खासकर महत्वपूर्ण बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव नजदीक हैं.
‘हिंदू हृदय सम्राट- कैसे शिवसेना ने मुंबई को हमेशा के लिए बदल दिया’ की लेखिका सुजाता आनंदन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि राज ठाकरे की मनसे, बीजेपी के साथ जाएगी क्योंकि वह पार्टी के लिए कोई खतरा नहीं है. आनंदन ने कहा कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि 2006 में शिवसेना से अलग होने के बाद से राज ठाकरे की राजनीति ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ काम किया है.
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करीब आ रही है बीजेपी और मनसे
मुंबई विश्वविद्यालय के साठये कॉलेज में सहयोगी प्रोफेसर केतन भोसले ने कहा कि राज ठाकरे का दो साल पहले हिंदुत्व की ओर झुकाव हुआ था, जो भाजपा और शिंदे गुट की समान विचारधारा है. बाल ठाकरे का राजनीतिक उत्तराधिकारी कौन होगा, इस मुद्दे पर राज ठाकरे द्वारा शिवसेना छोड़ने के बाद 2006 में मनसे की स्थापना हुई थी. उन्होंने धरती पुत्र का मुद्दा उठाया, जिस एजेंडे पर शिवसेना का गठन 1966 में हुआ था. मनसे ने 2007 में अपने पहले नगर निगम चुनावों में मुंबई में सात सीटें जीतीं, उसके बाद 2012 में 27 सीटें जीतीं. हालांकि, 2017 में उसे केवल सात सीटें मिलीं.
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