राजस्थान के झुंझुनूं में एक डॉक्टर के घर हुई छापेमारी में अपार दौलत बरामद की गई है. राजस्थान की एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस डॉक्टर के ठिकानों पर छापेमारी के बाद 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का खुलासा किया है. गुरुवार को हुई इस छापेमारी के साथ ही एसीबी ने डॉ. रंजन लांबा और उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ भी की है. डॉ. रंजन लांबा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच की जा रही है.
आय से अधिक संपत्ति होना काला धन कहलाता है. ऐसे मामलों में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB), आयकर विभाग या प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियां जांच करती हैं और छापेमारी करती हैं.
इसी तरह राजस्थान एसीबी ने झुंझुनूं के डॉक्टर के ठिकानों से ढेर सारा काला धन जब्त किया है. डॉक्टर रंजन लांबा के पास मिली संपत्ति के दस्तावेजों के मुताबिक, उनकी इनकम असल वेतन से कई गुना ज्यादा पाई गई है.
एकसाथ 5 ठिकानों पर मारा गया छापा
डॉ. रंजन लांबा SSM मेडिकल कॉलेज के ऑफिसर हैं. एसीबी ने गुरुवार को डॉ. रंजन लांबा के पांच ठिकानों पर छापेमारी की. सुबह साढ़े पांच बजे यह कार्रवाई शुरू हुई और देर रात तक जारी रही. जानकारी के मुताबिक, झुंझुनूं एसीबी के ASP इस्माइल खान की टीम ने गुढ़ा रेलवे फाटक के पास स्थित डॉक्टर के घर पर छापेमारी शुरू की. चूरू एसीबी के एएसपी शब्बीर खान के नेतृत्व में गुढ़ा रेलवे फाटक के पास स्थित स्पार हॉस्पिटल में छापेमारी की गई.
सीकर एसीबी टीम ने सीआई सुरेशचंद्र के नेतृत्व में डॉ. लांबा के गांव उदावास वाले फार्म हाउस पर छापेमारी की. एसीबी ने डॉ. रंजन लांबा की पत्नी डॉ. सुनिता लांबा और पिता डॉ. रामनिवास लांबा समेत घर के अन्य सदस्यों से पूछताछ भी की. डॉक्टर रंजन लांबा के जयपुर में वैशाली स्थित आवास पर जयपुर एसीबी ने छापेमारी की.
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बैंक खातों की मांगी जानकारी
डॉक्टर रंजन लांबा के दो ठिकानों पर छापेमारी की गई. एसीबी के इस सर्च ऑपरेशन में अब तक मिले दस्तावेज के अनुसार, डॉ. रंजन लांबा ने अपनी पत्नी और रिश्तेदारों के नाम से संपत्ति खरीद रखी है. जयपुर शहर और उसके आसपास अवैध जमीन के कागजात बरामद किए गए हैं. आरोपी और उनके परिवार वालों के नाम पर कई बैंक खाते भी मिले हैं. उन बैंक खातों के बारे में एसीबी ने बैंक से डिटेल मांगी है. इसके साथ ही लॉकर संबंधी जानकारी भी जुटाई जा रही है. रंजन लांबा की पत्नी डॉ. सुनीता लांबा भी डॉक्टर हैं. वह आईवीएफ विशेषज्ञ हैं. गुरुवार सुबह अचानक एसीबी की टीम गुढ़ा रेलवे फाटक के पास डॉक्टर लांबा के अस्पताल पहुंची. स्थानीय पुलिस की मदद से अस्पताल को चारों ओर से घेरा लिया.
कहां से आए 20 करोड़?
मेडिकल ऑफिसर का मासिक वेतन, करीब दो से ढाई लाख रुपये होता है. इसका मतलब 30 लाख रुपये सालाना इनकम होती है. यानी 14 साल में 4.2 करोड़ रुपये की कमाई होनी चाहिए लेकिन सर्च ऑपरेशन में डॉक्टर रंजन की इनकम 14 सालों में 20 करोड़ रुपये सालाना से ज्यादा पाई गई. डॉक्टर के पास मिली संपत्ति के दस्तावेजों के आधार पर उनकी इनकम असल वेतन से 114 प्रतिशत ज्यादा पाई गई है. ACB की टीम मामले की जांच में जुटी है और पूछताछ भी कर रही है.
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