विधानसभा से निकाले जाने पर बोले राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा- मुझे लात-घूंसे मारे, लाल डायरी छीन ली

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 24, 2023, 02:35 PM IST

Rajendra Singh Gudha

Rajendra Singh Gudha: राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने आरोप लगाए हैं कि उन्हें लात-घूंसे मारकर विधानसभा से निकाल दिया गया.

डीएनए हिंदी: हाल ही में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से हटा दिया था. सोमवार को जब राजेंद्र गुढ़ा विधानसभा पहुंचे तो उन्हें सदन में जाने से रोका गया. इतना ही नहीं उनके साथ हाथापाई भी हुई और उन्हें विधानसभा से निकाल दिया गया. इस सबके बाद वह रो पड़े. मीडिया के सामने रोते हुए राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि 50 लोगों ने उनको लात और घूंसे मारे. उन्होंने यह भी कहा कि लाल डायरी का आधा हिस्सा उनसे छीन लिया गया. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि उनके पास अभी भी डायरी का आधा हिस्सा है और वह इससे अशोक गहलोत को बेनकाब करेंगे. अब कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से भी निकाल दिया है.

विधानसभा में राजेंद्र सिंह गुढ़ा और संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बीच हाथापाई हो गई. इसके बाद गुढ़ा को मार्शल के जरिए सदन से बाहर निकाल दिया गया. हालांकि, गुढ़ा ने आरोप लगाए हैं कि उन्हें कांग्रेस के लोगों ने मारा-पीटा और बदसलूकी की. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि उन्हें सदन में विधायक की हैसियत से भी नहीं बैठने दिया. राजेंद्र गुढ़ा ने पूछा कि आखिर वह किस बात के लिए माफी मांगें.

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अशोक गहलोत पर जमकर बरसे राजेंद्र गुढ़ा
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा, 'मेरे पास वह डायरी थी. 25-50 लोगों ने एकसाथ मेरे ऊपर हमला कर दिया. मुझे लात-घूसे मारे, मुझे धक्का मारा और नीचे गिरा दिया. मार्शल नहीं, मुझे कांग्रेस के मंत्रियों ने खींचकर बाहर निकाला. हमने अशोक गहलोत जी का चेहरा देखकर इनको समर्थन दिया था. गहलोत साहब आपने गुंडागर्दी करके डायरी का आधा हिस्सा तो मुझसे छीन लिया. आधा हिस्सा अभी भी मेरे पास है. इसमें आपके सारे काले कारनामे दर्ज हैं. आपने किस-किसको क्या दिया, राज्यसभा चुनाव में निर्दलीयों को क्या प्रलोभन दिया. क्रिकेट के चुनाव में आपने पैसे देकर क्या-क्या काले कारनामे किए. मैं सबका खुलासा आगे करूंगा.'

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बता दें कि राजस्थान सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मणिपुर की घटना के मुद्दे पर अपनी सरकार को कोसते हुए कहा था कि उसे मणिपुर से ज्यादा राजस्थान में महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि राजस्थान में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. विधानसभा में यह कहने के थोड़ी देर बाद ही राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से हटा दिया गया था. इसको लेकर राजस्थान में जमकर राजनीति भी हो रही है.

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