राजस्थान में एसडीएम के ऊपर थप्पड़ चलाने की घटना को लेकर लगातार अपडेट आ रहे हैं. सबसे पहले तो इस मामले के मुख्य दोषी और एसडीएम पर थप्पड़ चलाने वाले नेता नरेश मीणा की गिरफ्तारी की गई है. वहीं गांव के कई लोगों को भी पुलिस के साथ हिंसा में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. अब गांव वालों का कहना है कि 'हिंसा में शामिल लोग बाहर से आए हुए थे, वो गांव के लोग नहीं थे.' समरावता गांव के लोगों ने कहा कि 'पुलिस पर हमला और हिंसा करने वाले लड़कों को नरेश मीणा ने बाहर से लाया था. उन्हीं लड़कों ने गांव में हिंसा की घटना को अंजाम दिया.'
'गांव के लड़कों को छोड़ा जाए'
समरावता गांव राजस्थान सरकार के मंत्री डाक्टर किरोड़ी लाल मीणा का भी गांव है. ये लोग गांव के लड़कों की गिरफ्तारी के खिलाफ गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम से मिलने आए हुए थे. जवाहर सिंह बेढम से मिलने के गांव के लोगों ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'हिंसा करने वाले लोग गांव के बाहर के थे, वहीं जिन लोगों को पुलिस पकड़कर ले गई है, वो मासूम लड़के हैं, उन्हें छोड़ा जाए, साथ ही पुलिस के डर से गांव छोड़ भागे हुए लड़कों को गांव आने दिया जाए.'
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'मामले की जांच कराई जाए'
ग्रामीणों ने साथ ही मांग की कि 'जिन लोगों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, घर तोड़े गए, गाड़ियां जलाई गई हैं, उन्हें उनका रकम सरकार से मिलना चाहिए, पुलिस की ओर से हिंसा की गई है, उसकी जांच होनी चाहिए'. गांव वालों की तरफ से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है.
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