दिल्ली के ओल्ड राजेद्र नगर में स्थित राव आईएएस एकेडमी इस समय पूरे देश मे चर्चा है. वजह है बीते शनिवार को यहां हुआ हादसा. अब इस हादसे में नए खुलासे हो रहे हैं. इसी बीच कोचिंग सेंटर को जो NOC की कॉपी मिली थी, उसमें लिखा हुआ था कि बेसमेंट में सिर्फ स्टोरेज बनाने की अनुमति है.
अब बड़ा सबाल ये है कि जब बेसमेंट में सिर्फ स्टोरेज बना सकते थे तो फिर वहां लाइब्रेरी कैसे चल रही थी. अगर उस स्टोरेज या गोदाम में लाइब्रेरी चल रही थी तो ये भी हो सकता है कि वहां पर कक्षाएं भी संचालित की जाती हो.
कोचिंग के ही एक छात्र ने दिल्ली नगर निगम पर आरोप लगाते हुए इस मामले में दोषी ठहराया है. उसका कहना है कि "इस हादसे में सबसे बड़ी लापरवाही दिल्ली नगर निगम की है. क्योंकि नगर निगम के अधिकारी यहां से घूस लेते हैं. " ये इंस्टिट्यूट गोदाम की NOC लेकर बेसमेंट में लाइब्रेरी चला रहा था तब निगम ने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया.
जानकारी के अनुसार पता चला है कि बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी की शिकायत एक महीने पहले ही की गई थी. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. अगर तभी इस पर कार्रवाई की जाती तो ये घटना न घटती. छात्र ने बताया कि इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में अवैध रूप से लाइब्रेरी चल रही थी.
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इसकी शिकायत 26 जून को दर्ज की गई थी. लेकिन इस पर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया और आज तीन छात्रों ने अपनी जान गवा दी. पता चला है कि लोक शिकायत निदेशक के माध्यम से इंस्टीट्यूट को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस हादसे में मरने वाले छात्रों की पहचान हो चुकी है. दिल्ली पुलिस ने बताया कि मृतकों के नाम श्रेया यादव, तान्या सोनी और नेविन डालविन हैं. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, श्रेया यादव उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर की रहने वाली थी. तान्या सोनी तेलंगाना से और नेविन डालविन केरल के एर्नाकुलम के रहने वाले थे.
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