देश के 3 राज्यों की 15 राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कुल 10 सीटों पर जीत हासिल की है. वोटों की संख्या के आधार पर उसे सिर्फ 8 सीटें मिलने वाली थीं लेकिन हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हुई क्रॉस वोटिंग ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) का गेम खराब कर दिया. हिमाचल प्रदेश में क्रॉस वोटिंग के साथ-साथ अब सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार खतरे में आ गई है. अब यूपी में अखिलेश यादव भी अपने बागी विधायकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के मूड में नजर आ रहे हैं. वहीं, कर्नाटक में बीजेपी के एक विधायक ने भी क्रॉस वोटिंग की है.
वोटों की संख्या के आधार पर सपा ने कुल 3 उम्मीदवार उतारे थे. बीजेपी ने 8 उम्मीदवार उतारकर चुनाव को रोमांचक बना दिया. कांग्रेस के समर्थन के बावजूद सपा अपने तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन को चुनाव नहीं जिता पाई. सपा, आरएलडी, SBSP, BSP और राजा भैया के वोटों के सहारे बीजेपी ने अपने 8वें उम्मीदवार संजय सेठ को चुनाव जिता लिया.
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किसको कितने वोट मिले?
चुनाव अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, बीजेपी के संजय सेठ को प्रथम वरीयता में 29 वोट मिले और द्वितीय वरीयता के 14 वोट मिले, इस तरह कुल 43 वोट मिले हैं. बीजेपी के आरपीएन सिंह को 37 वोट मिले जबकि अमर पाल मौर्य (बीजेपी) 38, तेजवीर सिंह (बीजेपी) 38, नवीन जैन (बीजेपी) 38, साधना सिंह (बीजेपी) 38, डॉ. सुधांशु त्रिवेदी (बीजेपी) 38, डॉ. संगीता बलवंत (बीजेपी) 38 वोट मिले. वहीं, सपा की जया बच्चन को 41, रामजी लाल सुमन 40 और आलोक रंजन को प्रथम वरीयता 19 और द्वितीय वरीयता में उन्हें 27 वोट मिले.
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बीजेपी ने प्रदेश में सपा को झटका देकर न केवल एक अतिरिक्त सीट जीती, बल्कि सात विधायकों को भी अपने पाले में शामिल कर लिया. कुल 399 विधायकों को मतदान करना था लेकिन सपा के दो और सुभासपा के एक विधायक के जेल में होने के कारण वे वोट नहीं कर पाए. वहीं, सपा की एक विधायक महराजी देवी मतदान करने नहीं आईं. सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय, विधायक राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, राकेश पांडेय, पूजा पाल, विनोद चुतर्वेदी, आशुतोष मौर्य ने बीजेपी प्रत्याशी संजय सेठ को मतदान किया.
हिमाचल प्रदेश में जमकर हुई क्रॉस वोटिंग
हिमाचल प्रदेश में कुल 68 वोट थे जिसमें से 40 वोट कांग्रेस के पास थे. वोटों की संख्या के आधार पर कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को जीत मिलनी तय थी लेकिन जीते बीजेपी के हर्ष महाजन. सिर्फ 25 विधायकों वाली बीजेपी को 34 और कांग्रेस उम्मीदवार को भी 34 वोट ही मिले. आखिर में लॉटरी सिस्टम से फैसला हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की और बीजेपी उम्मीदवार को जीत दिला दी.
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ये 9 विधायक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज बताए जा रहे हैं. अब बीजेपी के नेता आज राज्यपाल के पास जाने वाले हैं और प्रदेश सरकार पर भी खतरा मंडराने लगा है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार अब अल्पमत में है और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
कर्नाटक में काम आया मैनेजमेंट
कर्नाटक में 4 ही सीट थी लेकिन बीजेपी ने पांचवां उम्मीदवार उतारकर यहां भी खेला करने की कोशिश की थी. हालांकि, कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले सिद्धारमैया की रणनीति यहां काम आई. सिद्धारमैया ने अपने विधायकों को तो एकजुट रखा ही, बीजेपी के एक विधायक एस टी सोमशेखर से क्रॉस वोटिंग भी करवा ली.
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