डीएनए हिंदी: अयोध्या में राम मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा में अब एक महीने से भी कम समय बचा है. 22 जनवरी को होने वाले इस कार्यक्रम से पहले मंदिर के पहले तल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है. 72 एकड़ के पूरे परिसर में राम मंदिर के अलावा हरित क्षेत्र और अन्य सुविधाओं का भी इंतजाम किया जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपय राय ने विस्तार से बताया है कि मंदिर परिसर में क्या-क्या बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मंदिर में जितने भी पानी का इस्तेमाल होगा उसे अगर जमीन से लिया जाएगा तो जमीन में ही छोड़ा जाएगा. इसके अलावा, मंदिर से निकलने वाले सीवेज वेस्ट को भी नाले में नहीं बहाया जाएगा और इसे शोधित करने के लिए मंदिर परिसर में ही ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे.
चंपत राय ने राम मंदिर परिसर का नक्शा दिखाते हुए विस्तार से पूरा प्लान समझाया. उन्होंने बताया कि अगर जरूरत पड़ेगी तो मंदिर के लिए सरयू नदी से पानी लिया जाएगा. अगर जमीन से पानी लिया जाएगा तो वह पानी वापस जमीन में ही जाएगा. उन्होंने बताया कि कुल 70 एकड़ जमीन के 30 फीसदी हिस्से पर कुछ न कुछ निर्माण हो रहा है, बाकी का 70 फीसदी भूभाग हरित क्षेत्र है.
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कितना बन गया है मंदिर?
चंपत राय ने आगे कहा, 'मंदिर 3 मंजिला बनाया जा रहा है. फिलहाल, ग्राउंड फ्लोर तैयार हो गया है. पहले फ्लोर का काम चल रहा है और दूसरे फ्लोर की भी तैयारी हो रही है. इस मंदिर के चारों ओर दीवार (परकोटा) बनाई जा रही जिसका काम शुरू हो गया है.' उन्होंने बताया कि मंदिर कैंपस में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, एक दमकल, चौकी और बिजली की डेडिकेटेड लाइन होगी.
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उन्होंने बताया कि मौजूदा कैंपस में लगभग 600 पेड़ संरक्षित किए गए हैं. इसमें कुछ पेड़ सैकड़ों साल पुराने हैं. मंदिर अपनी पानी की जरूरत या सीवेज के लिए अयोध्या नगर निगम पर निर्भर नहीं होगा. इसका इंतजाम मंदिर के परिसर में ही किया जा रहा है. मंदिर परिसर में एक भूमिगत जलाशय बनाया गया है जिसके पानी का इस्तेमाल कई जरूरतों में किया जाएगा. इसके अलावा, लॉकर सुविधा, लोगों के रुकने की सुविधा, शौचालय की सुविधा, श्रद्धालुओं के लिए छोटा अस्पताल भी बनाया जाएगा.
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