डीएनए हिंदी: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण काफी तेजी से चल रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि मंदिर के पहले तल का काम इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा. जब तक मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक के लिए रामलला अस्थायी मंदिर में विराजमान हैं. अभी भी हर दिन हजारों श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं और रामलला के दर्शन कर रहे हैं. अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के पुजारियों और सेवादारों को डबल खुशी दे दी है. मंदिर ट्रस्ट ने पुजारियों और कर्मचारियों के पारिश्रमिक को बढ़ाकर दोगुना कर दिया है.
पहले ये सारे काम इतने आसान नहीं थे. मंदिर का ट्रस्ट बनने से पहले एक ईंट उठाकर रखने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट की अनुमति लेनी पड़ती थी. तब प्रशासन की तरफ से नियुक्त मजिस्ट्रेट ही मंदिर के चढ़ावे पर भी नजर रखता था और उसे बैंक में जमा करवाया था. पुजारियों का वेतन भी प्रशासन भी तय करता था और इसमें बदलाव के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति जरूरी थी. अब ये सारे काम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के जिम्मे आ गए हैं.
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पुजारियों की सैलरी हो गई डबल
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को पहले हर महीने 15,520 रुपये मिलते थे अब इसे बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया गया है. सहायक पुजारियों के वेतन को 8940 रुपये से बढ़ाकर 20 हजार, भंडारी का वेतन 8 हजार से 15 हजार और भृत्य का वेतन 8870 रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दिया गया है. इसी तरह रामलला की पूजा के लिए पान लाने वाले को एक हजार की जगह 2100 रुपये और मालियों को 1100 की जगह 2100 रुपये मिलेंगे. इस तरह जहां वेतन के लिए पहले कुल खर्च 85020 रुपये था, अब वह बढ़कर 165000 रुपये हो जाएगा.
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मंदिर में राम नवमी जैसे अन्य त्योहारों पर जो विशेष पूजा होती है और उसके लिए जो सामान खरीदा जाता है, उसका भुगतान सीधे दुकानदारों को ही किया जाता है. आपको बता दें कि राम मंदिर के पहले तक का काम लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और अब छत ढलाई का काम हो रहा है. ट्रस्ट की ओर से बताया गया है कि इस साल के अंत तक राम मंदिर के पहले तल का काम पूरा हो जाएगा और जनवरी या फरवरी में रामलला की नई मूर्ति स्थापित कर दी जाएगी.
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