Ramcharitmanas Controversy: स्कूलों में पढ़ाया जाएगा रामायण और गीता का पाठ, टीचर सिखाएंगे 'राम राम'

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jan 23, 2023, 07:25 PM IST

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री Shivraj Singh Chauhan ने शुक्रवार को गुजरात में कई जगह चुनाव प्रचार किया. (फोटो- Twitter/Shivraj)

Ramcharitmanas Row: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह फैसला देश में रामचरित मानस को लेकर चल रहे राजनीतिक विवाद के बीच किया है.

डीएनए हिंदी: Madhya Pradesh News- देश में गोस्वामी तुलसीदास (Goshwami Tulsidas) की रामचरित मानस पर कई राजनेताओं के कमेंट को लेकर जमकर विवाद (Ramcharitmanas Controvesy) चल रहा है. इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने एक बड़ी घोषणा कर दी है. चौहान ने मध्य प्रदेश के स्कूलों में श्रीमद्भगवद गीता,  रामचरितमानस और रामायण के प्रसंग पढ़ाए जाने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा, इन ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक और संपूर्ण बनाने की पूरी क्षमता है. इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम अपने बच्चों को पूर्ण भी बनाएंगे और नैतिक भी बनाएंगे.

'राम के बिना नहीं जाना जाता है भारत'

विद्या भारती के सुघोष कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा, यह देश राम के बिना नहीं जाना जाता है. राम हमारे रोम-रोम में बसे हैं. इस देश में जब सुख से लेकर दुख तक में राम का ही नाम लिया जाता है. हमारे रामायण हों, महाभारत हों, वेद हों, उपनिषद हों या श्रीमद्भगवद गीता हों, ये हमारे अमूल्य ग्रंथ हैं और इन ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक बनाने की मनुष्य को संपूर्ण बनाने की क्षमता है. इन ग्रंथों की शिक्षा हम अपने शासकीय विद्यालयों में भी देंगे. इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम अपने बच्चों को पूर्ण भी बनाएंगे और नैतिक भी बनाएंगे. बच्चों को गीता जी का सार पढ़ाएंगे, रामायण जी, रामचरितमानस जी पढ़ाएंगे, महाभारत के प्रसंग पढ़ाएंगे. क्यों नहीं पढ़ाना चाहिए भगवान राम को?

रामचरितमानस की चौपाइयों से बताई उसकी महानता

मुख्यमंत्री ने रामचरितमानस को लेकर चल रहे विवाद पर भी टिप्पणी की. उन्होंने रामचरितमानस की चौपाइयों से उसकी महानता बताई. उन्होंने कहा, तुलसीदास जी ने इतना महान ग्रंथ लिखा है, जिसमें लिखा, 'परहित सरिस धर्म नहीं भाई, परपीड़ा सम नहीं अधमाई'. ऐसा ग्रंथ कहीं मिलेगा. 'सिया राम मय सब जग जानी', सब जगह सीताराम हैं. उन्होंने कहा, सृष्टि के कण-कण में भगवान विराजमान हैं, हर एक आत्मा परमात्मा का अंश है, हर एक घट में बस वही समाया हुआ है तो कौन दूसरा है. ऐसा ग्रंथ देने वाले रामचरितमानस जैसे तुलसीदास जी, तुलसी बाबा मैं उनको प्रणाम करता हूं. ऐसे लोग जो हमारे इन महापुरुषों का अपमान करते हैं, वह सहन नहीं किए जाएंगे.

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