रेप पीड़िता मांगलिक है या नहीं? इलाहाबाद HC ने कुंडली जांचने का दिया था आदेश, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 03, 2023, 06:28 PM IST

Supreme Court

Supreme Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23 मई के अपने आदेश में कहा था, 'लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रमुख को यह तय करने दें कि लड़की मांगलिक है या नहीं?

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्टन ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रमुख को यह तय करने को कहा गया था कि कथित बलात्कार पीड़ित लड़की 'मांगलिक' है या नहीं. उच्च न्यायालय ने शादी का झूठा वादा कर लड़की से बलात्कार करने के आरोपी व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए 23 मई को यह आदेश पारित किया था.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष आरोपी के वकील ने तर्क दिया था कि चूंकि लड़की 'मांगलिक' है, इसलिए दोनों के बीच विवाह नहीं हो सकता. सुप्रीम कोर्ट की एक अवकाशकालीन पीठ ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी. जस्टिस सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "यह अदालत इस मामले का स्वत: संज्ञान लेती है, जिसे हमारे सामने रखा गया है." पीठ ने मामले पर शनिवार को अदालत के अवकाश के दिन सुनवाई की.

ये भी पढ़ें- क्या है कवच टेक्नोलॉजी, ट्रेन हादसे रोकने में कैसे करती है काम? जानिए इसके बारे में सबकुछ

HC ने क्यों पूछा लड़की 'मांगलिक' है या नहीं?
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह समझ में नहीं आ रहा है कि उच्च न्यायालय ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते समय यह पता लगाने के लिए दोनों पक्षों को अपनी कुंडली जमा करने के लिए क्यों कहा कि लड़की 'मांगलिक' है या नहीं?

ये भी पढ़ें- ऐसे बन सकते हैं बैंक में क्लर्क, जानिए परीक्षा से लेकर सिलेक्शन तक की सारी जानकारी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23 मई के अपने आदेश में कहा था, 'लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रमुख को यह तय करने दें कि लड़की मांगलिक है या नहीं और संबंधित पक्ष आज से 10 दिन के भीतर लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष के समक्ष कुंडली पेश करेंगे. विभागाध्यक्ष (ज्योतिष विभाग), लखनऊ विश्वविद्यालय को निर्देश दिया जाता है कि वह तीन सप्ताह के भीतर इस न्यायालय को सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें. इस मामले को 26 जून, 2023 के लिए सूचीबद्ध किया जाता है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.