डीएनए हिंदी: देश की पहली हाई स्पीड रेल यानी रैपिड रेल की शुरुआत शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद से होगी. दिल्ली और मेरठ के बीच बनाई जा रही इस रैपिड रेल यानी RapidX के प्रायॉरिटी सेक्शन का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. उद्घाटन से ठीक पहले NCRTC ने इसका किराया भी जारी कर दिया है. इसका न्यूतनम किया 20 रुपये रखा गया है. अभी के लिए जनरल क्लास में साहिबाबाद से दुहाई का टिकट 50 रुपये रखा गया है. आने वाले समय में जैसे-जैसे बाकी रूट शुरू होगा, वैसे-वैसे दिल्ली से मेरठ के पूरे किराए की जानकारी सामने आएगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 अक्टूबर को इस सेक्शन का उद्घाटन करेंगे और 21 अक्टूबर से इस पर यात्रियों के लिए ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा. रैपिडएक्स ट्रेन में सीसीटीवी कैमरों, आपातकालीन दरवाजों और ट्रेन ऑपरेटर के साथ संवाद करने के लिए एक बटन जैसी सुरक्षा सुविधाओं से लैस होंगी. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्रायॉरिटी सेक्शन के उद्घाटन से पहले बुधवार को मीडिया के लिए प्रीव्यू आयोजित किया गया था.
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कितना होगा किराया?
बताया गया है कि जनरल क्लास के लिए न्यूतनम किराया 20 रुपये और प्रीमियम क्लास के लिए 40 रुपये रखा गया है. साहिबाबाद से दुहाई का टिकट जनरल क्लास में 50 रुपये होगा और प्रीमियम क्लास में यह किराया 100 रुपये होगा. ट्रेन में यात्रा के लिए QR कोड वाली पर्ची दी जाएगी. मेट्रो की तरह रैपिड रेल में प्लास्टिक वाले टोकन का इंतजाम नहीं किया गया है. बता दें कि रैपिड रेल का पूरा सेक्शन साल 2025 में पूरा होना है.
यह ट्रेन ओवरहेड लगेज रैक, वाई-फाई और हर सीट पर एक मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट जैसी यात्री सुविधाओं के अलावा कई सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर कोच में लगभग छह सीसीटीवी कैमरे हैं और इस कॉरिडोर पर यात्रियों की सुरक्षा एक प्राथमिकता है. डिब्बों में अन्य सुविधाओं में एक आपातकालीन दरवाजा, स्वास्थ्य संबंधी समस्या या अन्य प्रकार की आपात स्थिति के मामले में ट्रेन ऑपरेटर से बात करने के लिए एक बटन और आग बुझाने वाले यंत्र शामिल हैं.
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हाईटेक सुविधाओं से लैस है RRTS ट्रेन
अधिकारी ने बताया कि ट्रेन के प्रीमियम कोच में एक ट्रेन अटेंडेंट मौजूद रहेगा लेकिन वह अन्य डिब्बों में भी घूम सकता है. आपात स्थिति में उससे संपर्क किया जा सकता है. बेहतर सुरक्षा के लिए, प्रत्येक आरआरटीएस स्टेशन पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) मौजूद होगा. ये पीएसडी, आरआरटीएस ट्रेन के दरवाजों और सिग्नल प्रणाली के साथ जुड़े हैं. आपातकालीन स्थिति में स्टेशन अधिकारियों से संपर्क करने के लिए यात्री प्लेटफॉर्म स्तर पर सीधे 'हेल्प कॉल प्वाइंट' का उपयोग कर सकते हैं.
अधिकारियों ने बताया कि यात्री रैपिडएक्स कनेक्ट मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से आपातकालीन सहायता का भी लाभ उठा सकते हैं. एनसीआरटीसी को दिल्ली और मेरठ के बीच भारत के पहले आरआरटीएस के निर्माण की देखरेख का काम सौंपा गया है. पूरे 82.15 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस को जून 2025 तक चालू करने का लक्ष्य है.
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