भारत के दिग्गज व्यापारी रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में अलविदा कह दिया है. रतन टाटा के निधन के बाद देश में शोक की लहर दौड़ गई है. सिनेमा जगत से लेकर राजनीति के दिग्गज लोगों ने उनको श्रध्दांजलि दी है. रतन टाटा से जुड़े कई किस्से चर्चित हैं फिर चाहे वो उनकी प्रेम कहानी का हो या फिर व्यापार से जुड़े हुए हो. आज हम आपको रतन टाटा से जुड़ा हुआ एक ऐसा ही किस्सा बताने जा रहे हैं.
यहां से शुरू हुई एयर इंडिया की कहानी
दरअसल बात 1932 की है जब एयर इंडिया की यात्रा टाटा एयरलाइंस के रूप में शुरू हुई थी. उस समय ये कंपनी टाटा संस की एक सहायक कंपनी थी, जिसकी स्थापना जेआरडी टाटा ने की थी. जेआरडी टाटा रतन टाटा के चाचा थे. जेआरडी टाटा, टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष थे, जिन्होंने टाटा समूह की स्थापना और विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. इसके बाद 1991 में ये पद रतन टाटा को मिला.
एयर इंडिया की घर वापसी सबसे बड़ी खुशी
रतन टाटा (Ratan Tata) के लिए, एयर इंडिया (Air India) का वापस मिलना एक पारिवारिक विरासत की वापसी का प्रतीक है. रतन टाटा ने जब एयर इंडिया की घर वापसी की थी तो कहा था कि अगर आज जेआडी टाटा होते तो बहुत खुश होते. क्योंकि जेआरडी टाटा कभी नहीं चाहते थे कि एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण हो.
18,000 रुपये किए खर्च
बता दें कि रनत टाटा ने साल 2021 में एक फिर से एयर इंडिया का स्वामित्व हाशिल किया. तब रतन टाटा, टाटा संस के चेयरमैन नहीं थे, लेकिन वे कंपनी के मानद चेयरमैन बने रहे. जब एयर इंडिया की घर वापसी हुई उस समय कंपनी घाटे में चल रही थी, तब रतन टाटा ने एयरलाइंस को 18,000 रुपये देकर खरीदा था.
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इस दौरान रतन टाटा ने तब कहा था, 'टाटा के पास पहले के वर्षों में अपनी छवि और प्रतिष्ठा को फिर से हासिल करने का अवसर होगा.' वित्त वर्ष 2024 में, एयर इंडिया ने अपने शुद्ध घाटे को 60% तक कम करके 4,444 करोड़ रुपये कर दिया. ये बहुत बड़ी उपलब्धि से कम नहीं!
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