डीएनए हिंदी: एक सड़क दुर्घटना में देश के जाने-माने उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्री की मौत हो गई थी. मंगलवार को मुंबई में उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान वर्ली शवदाह गृह में साइरस को अंतिम विदाई देने के लिए कई कारोबारी और राजनीतिक नेता भी पहुंचे. इस दौरान उद्योगपति अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी के बेटे आकाश अंबानी भी मौजूद रहे.इसमें पारसी समुदाय के कई लोग भी शामिल हुए. मगर एक खास नाम जिसकी चर्चा सबसे ज्यादा हुई, वह हैं मशहूर उद्योगपति रतन टाटा की मां. वह भी ऐसे माहौल में जब अब तक साइरस मिस्री की मौत को लेकर ना तो रतन टाटा की कोई प्रतिक्रिया आई है ना ही वह खुद उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे.
इस बीच जब रतन टाटा की 92 वर्षीय मां सिमोन टाटा जब व्हीलचेयर पर बैठकर साइरस मिस्री को अंतिम विदाई देने पहुंची तो यह एक चर्चा का विषय भी रहा. उनके अलावा टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (TCS) के पूर्व प्रमुख एस.रामदुरई भी अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे. हालांकि टाटा समूह का कोई अन्य वरिष्ठ अधिकारी अंतिम संस्कार में नहीं दिखा.
क्या है साइरस और रतन टाटा की मां के बीच रिश्ता
साइरस मिस्त्री अपने पिता के छोटे बेटे थे. साइरस की दो बहनें हैं, जिनका नाम लैला और अल्लू है. अल्लू की शादी रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा से हुई थी. नोएल टाटा की मां हैं सिमोन टाटा.
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रतन टाटा की सौतेली मां हैं नोएल
सिमोन रतन टाटा की सौतेली मां हैं. वह मूल रूप से स्विट्जरलैंड की हैं. वह एक टूरिस्ट के तौर पर भारत आई थीं जब नवल टाटा से उनकी मुलाकात हुई और फिर दोनों ने शादी कर ली. शादी के बाद सिमोन मुंबई में ही बस गईं. इसके बाद वह टाटा ग्रुप के बिजनेस में भी अहम भूमिका निभाती रहीं. सिमोन सन् 1962 में लैक्मे बोर्ड से जुड़ीं, जो कि टाटा ऑइल मिल्स का हिस्सा था. 1982 से 2006 तकवह टाटा ऑइल मिल्स की चेयरपर्सन भी रहीं. इसके बाद सन् 1989 में उन्हें टाटा इंडस्ट्री बोर्ड में भी शामिल किया गया.
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ऐसा रहा था साइरस औऱ टाटा समूह का रिश्ता
टाटा समूह के साथ मिस्त्री को अंत तक काफी कड़वी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी थी. शुरुआत से समझें तो काफी कम उम्र में साइऱस ने अपना फैमिली बिजनेस ज्वाइन कर लिया था. उसके बाद वह टाटा ग्रुप (Tata Group) के बोर्ड में शामिल हुए और जल्द ही टाटा ग्रुप के डिप्टी चेयरमैन भी बन गए. फिर शुरू हुआ उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा विवाद, जिसे देश का सबसे बड़ा कॉरपोरेट डिस्प्यूट (India Biggest Corporate Dispute) भी माना जाता है. उनका विवाद सीधा रतन टाटा से था.
किन बातों पर रहा रतन टाटा से विवाद
मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार साइरस मिस़्त्री और रतन टाटा के बीच कई बातों को लेकर तकरार रही. जिसमें टाटा ग्रुप चुनाव के लिए चंदा कैसे दें? कौन से प्रोजेक्ट और किस प्रोजेक्ट में कैसे इंवेस्टमेंट किया जाए? क्या टाटा ग्रुप को अमेरिकी फास्ट फूड चेन से जुड़ना चाहिए? जैसे मुद्दे खड़े हुए और मनमुटाव के साथ विवाद भी गहराते रहे, जिसकी वजह से साइरस को चेयरमैन पद से हटा दिया गया और मामला कोर्ट में चला गया.
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कोर्ट के फैसले में क्या आया सामने
मार्च 2021 में, सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के दिसंबर 2019 के आदेश को रद्द कर दिया था, जिसने साइरस को टाटा संस लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में बहाल किया था. एसपी ग्रुप और साइरस मिस्त्री ने अप्रैल 2021 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें 26 मार्च के फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी, जिसमें टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में उन्हें हटाने के फैसले का समर्थन किया गया था. लेकिन इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने टाटा बनाम मिस्त्री कानूनी मामले में साइरस की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया.
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