डीएनए हिंदी: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर रहे उर्जित पटेल खूब चर्चा में रहे हैं. अब वित्त सचिव रहे सुभाष चंद्र गर्ग ने अपनी किताब 'We Also Make Policy' में कई अहम खुलासे किए हैं. इस किताब में सुभाष ने लिखा है कि पद से हटने से पहले उर्जित पटेल से पीएम नरेंद्र मोदी और तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली काफी नाराज रहा करते थे. उनकी किताब के मुताबिक, एक समय तो ऐसा भी आ गया था जब नाराजगी में पीएम मोदी ने यह तक कह दिया कि यह ऐसा सांप है जो पैसों के ढेर के ऊपर बैठा रहता है. सुभाष चंद्र गर्ग के मुताबिक, उर्जित पटेल खुद को 'सबसे आजाद' दिखाने की कोशिश कर रहे थे.
RBI के 24वें गर्वनर रहे उर्जित पटेल दिसंबर 2018 में अचानक ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, उन्होंने इस इस्तीफे की वजह व्यक्तिगत बताई थी लेकिन अब खुलासे हो रहे हैं कि उनके और सरकार के संबंध ठीक नहीं थे और कई मौकों पर तनाव की स्थिति बन रही थी. सुभाष चंद्र गर्ग की किताब के मुताबिक, इस तनाव की स्थिति फरवरी 2018 में ही शुरू हो गई थी जब उर्जित पटेल ने सरकार की आलोचना की थी.
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इलेक्टोरल बॉन्ड पर भी हुआ था विवाद
इस किताब के मुताबिक, उर्जित पटेल ने नरेंद्र मोदी सरकार की इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को भी खराब करने की कोशिश की थी. उनका कहना था कि ये इलेक्टोरल बॉन्ड सिर्फ आरबीआई की ओर से जारी किए जाने चाहिए और वह भी सिर्फ डिजिटल मोड में. उसी साल आरबीआई ने रेपो रेट को बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था. 3 महीने बाद ही उन्होंने इसमें फिर से बढ़ोतरी कर दी थी जिससे मोदी सरकार खुश नहीं थी.
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किताब में सुभाष चंद्र गर्ग आगे लिखते हैं, 'पीएम मोदी उर्जित पटेल से तंग आ गए थे. एक बार तो झल्लाते हुए उन्होंने कहा कि एक सांप होता है जो पैसों के ढेर पर बैठा होता है.' उनका इशारा था कि आरबीआई गर्वनर सरकार को इन पैसों का इस्तेमाल नहीं करने दे रहे थे. गर्ग की किताब के मुताबिक, पीएम मोदी ने कई मौकों पर उर्जित पटेल की जमकर आलोचना की.
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