डीएनए हिंदी: 21वीं सदी में भारत देश तेजी से बदल रहा है. आज देश के 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भी यही तस्वीर दिखेगी. भारतीय सेना और सुरक्षा बल गणतंत्र दिवस परेड का मुख्य आकर्षण होते हैं. बीते कुछ सालों में सैन्य बलों, अर्धसैनिक बलों और पुलिस सिस्टम में महिलाओं की भागीदारी मजबूती से बढ़ी है. यह महिला शक्ति परेड में भी दिखाई देगी. इसके अलावा, अग्निवीर भी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे. इस साल परेड देखने वालों की पहली लाइन में VIPs की बजाय मजदूर, कामगार और रिक्शा चालक और उनके परिवार के लोग बैठेंगे. भारत सरकार ने इन श्रमजीवियों को पहली लाइन में बिठाने का ऐलान किया है और यह संदेश देने की कोशिश की है कि यही बदलता भारत है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, गणतंत्र दिवस परेड सुबह 10:30 बजे दिल्ली के कर्तव्य पथ पर शुरू होगी. इस बार मुख्य अतिथि के तौर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी गणतंत्र दिवस परेड का अवलोकन करेंगे. परेड में एयरफोर्स के 50 विमान अपना पराक्रम दिखाएंगे. इसके अलावा, देश की सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के जवान भी अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे. अलग-अलग राज्य भी अपनी सांस्कृतिक विविधता दिखाते हुए अपनी झांकी निकालेंगे.
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महिला शक्ति दिखाएगी बदलता भारत
भारतीय सेना में अब महिलाएं सियाचिन में तैनात होने से लेकर फाइटर जेट तक उड़ाने का काम कर रही हैं. ऐसे में परेड में वे पीछे कैसे रहें. इस साल की परेड में एयर फोर्स के मार्चिंग दल की अगुवाई स्क्वॉड्रन लीडर सिंधु रेड्डी करेंगी. कई और दल ऐसे होंगे जिनकी अगुवाई महिलाएं ही करेंगी. इसके जरिए भारत यह प्रदर्शित करना चाहता है कि देश में महिलाएं अब अगली पंक्ति में खड़ी हैं.
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अग्निवार भी होंगे शामिल
इस साल की परेड की कमांड, परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ और अन्य अधिकारियों के हाथ में होगी. सेना में भर्ती के लिए बनाए गए नए सिस्टम के मुताबिक भर्ती किए जा रहे अग्निवीर भी पहली बार परेड में हिस्सा लेंगे. आपको बता दें कि अग्निवीरों को शुरुआती बैच अभी ट्रेनिंग में हैं. ट्रेनिंग पूरी करके वे जल्द ही सेना में शामिल होंगे. मिस्र की सेना के कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फतह अल खरासवी की अगुवाई में मिस्र की सेना के जवान भी परेड में हिस्सा लेंगे.
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कामगारों को विशेष पहचान
राजपथ अब कर्तव्य पथ में बदल चुका है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नई संसद, इंडिया गेट के आसपास नए बदलाव किए जा रहे हैं. इन बदलावों के लिए काम करने वाले मजदूरों को खासतौर पर सम्मानित किया जा रहा है. परेड देखने में भी इन्हें वरीयता दी जाएगी. परेड देखने वालों की पहली पंक्ति में मजदूरों, फुटपाथ के दुकानदारों और रिक्शा चलाने वालों को जगह दी गई है. भारत सरकार ने इन्हें श्रमजीवी नाम दिया है.
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