Ghulam Nabi Azad के समर्थन में 5 विधायकों का इस्तीफा, खुर्शीद, गहलोत और खड़गे बोले- ये ठीक नहीं हुआ

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 26, 2022, 07:13 PM IST

Ghulam Nabi Azad के इस्तीफे के बाद से कांग्रेस पार्टी की कलह सामने आ रही है. वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस से बीजेपी में गए कई नेता भी राहुल गांधी पर हमलावर हैं.

डीएनए हिंदी: देश की राजनीति में बड़ा नाम माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कांग्रेस पार्टी (Congress Party) से किनारा कर लिया है. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर तगड़ा हमला बोला है और कहा है कि जब से पार्टी की कमान राहुल गांधी के हाथ में आई है तब से कांग्रेस को नुकसान हो रहा है. दूसरी ओर उनके पार्टी छोड़ने को लेकर पार्टी के अन्य नेता और गांधी परिवार के करीबी आजाद पर हमलावर होते हुए राहुल गांधी के बचाव में उतर आए हैं जिसमें सबसे आगे राज्य सभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) हैं. 

गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैं इस फैसले से दुखी हूं. उन्‍हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. वहीं राहुल गांधी पर हमले को लेकर खड़गे ने कहा, "राहुल पर हमला सही नहीं है क्‍योंकि आप उस परिवार के सभी सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. सोनिया गांधी ने हमेशा आपसे सलाह ली है. आप सीडब्ल्यूसी की बैठकों और कोर कमेटी की बैठकों का हिस्सा थे."

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फैसले पर विचार करें आजाद

खड़गे ने आजाद पर हमलावर होते हुए कहा कि जब आप स्वयं हर चीज का हिस्सा बनकर निर्णय लेते हैं. यह कहते हुए कि पार्टी अच्छी तरह से काम नहीं कर रही है, यह सही नहीं है. यह उसे शोभा नहीं देता. यह उनके लिए एक नुकसान होगा क्योंकि आरएसएस के खिलाफ हमारी लड़ाई में वह हमारे साथ नहीं हैं. मैं दुखी हूं. उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए." 

सलमान खुर्शीद ने लगाए गंभीर आरोप 

वहीं गुलाम नबी आजाद पर पू्र्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने कहा कि मुझसे यदि किसी ने बात की होती तो मुझे मालूम होता. उनको अगर कुंठा, तकलीफ या कोई शिकायत थी तो अगर वह हमें पार्टी में बराबर मानते या साथी मानते तो बताते और उसमें यदि उनको सहयोग करने की जरूरत होती तो वो भी हम करते.'

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हालांकि सलमान खुर्शीद ने यह स्वीकार किया है कि गुलाम नबी आजाद के जाने से पार्टी को एक बड़ा राजनीतिक नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, "आज कांग्रेस पार्टी एक जंग के मैदान में खड़ी है, हमारा कोई सिपाही या कमांडर छोड़ कर जाता है तो उसका सीधा प्रभाव हमपर पड़ता है. पार्टी के समर्थन में खड़े रहने वाले लोगों पर भी इसका सीधा असर पड़ता है. कहानी यह नहीं की वे गए, कहानी ये है की हम नहीं जा रहे हैं."

उन्होंने आगे कहा, "पार्टी के हर दौर में हम लोग साथ रहे हम लोग अच्छे वक्त से निकले तो हमें कुछ न कुछ पार्टी ने दिया लेकिन आज हम पार्टी को छोड़ें वो ठीक नहीं." वहीं कांग्रेस वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, "जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे ज्यादा सम्मान दिया, उसी व्यक्ति ने कांग्रेस नेतृत्व पर व्यक्तिगत आक्रमण करके अपने असली चरित्र को दर्शाया है. पहले संसद में मोदी के आंसू, फिर पद्म विभूषण, फिर मकान का एक्सटेंशन. यह संयोग नहीं सहयोग है."

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5 विधायकों ने भी छोड़ी पार्टी

जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने सीधे तौर पर गुलाम नबी आजाद पर आरोप लगाया कि वे बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं. भले ही दिल्ली में आजाद के इस्तीफे पर कांग्रेस आक्रामक हो लेकिन जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में 5 कांग्रेस विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दी है. इनमें जी. एम. सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम शामिल हैं.

कांग्रेस के अंत की शुरुआत 

वहीं इस आजाद के पार्टी छोड़ने को पूर्व कांग्रेस नेता और वर्तमान में बीजेपी  नेता सुनील जाखड़ ने कहा है कि कांग्रेस के अंत की शुरुआत हो चुकी है. उन्होंने कहा,"ये कांग्रेस को अपनी कमजोरियों को देखने का समय है. क्यों आज इतने बड़े नेता कांग्रेस छोड़ कर गए? इस पर विचार करने के बजाय कांग्रेस एक ही बात कर रही है कि उन्होंने धोखा दिया है. मैंने जो-जो बातें कही थी उन सब पर गुलाम नबी आज़ाद साहब ने मुहर लगा दी है."

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सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने आजाद को पार्टी का अहम नेता बताते हुए कहा गुलाम नबी आज़ाद का इस्तीफा अंत की शुरूआत है. ये सिलसिला चलता चला जाएगा. कांग्रेस का अंत अभी और गति पकड़ेगा." स्पष्ट है कि वे आजाद के इस्तीफे को पार्टी के अंत की शुरुआत से जोड़ कर देख रहे हैं. हालांकि हरियाण के पूर्व सीएम और दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि पार्टी को अपने काम करने के तरीकों को लेकर विचार करना चाहिए क्योंकि आजाद का पार्टी छोड़ना पार्टी के लिए ही नुकसान है. 

गहलोत ने याद दिलाया एहसान

भले ही कांग्रेस में एक गुट लगतार गांधी परिवार और पार्टी के रवैए को लेकर नकारात्मक हों लेकिन दूसरी ओर राहुल गांधी का गुट लगातार गुलाम नबी आजाद पर ही हमलावर है.  राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने इस दौरान गुलाम नबी आजाद को उनका राजनीतिक करियर याद दिलाया और कहा कि संजय गांधी के विश्वास की बदौलत ही आजाद को पार्टी में प्रतिष्ठा हासिल हुई थी. 

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राहुल पर सबसे ज्यादा हमलावर थे गुलाम

गौरतलब है कि राहुल गांधी को लेकर गुलाम नबी आजाद  ने अपने इस्तीफे के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी पर सर्वाधिक हमला बोला है. आजाद ने उनके वर्क कल्चर को ढुलमुल बताया है जो कि पार्ट टाइम पॉलिटिक्स सरीखा है. इसके साथ ही आजाद ने उनके काम करने के तरीके पर भी अपनी आपत्ति जाहिर करते हुए पार्टी की हार और बर्बाद स्थिति के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया है.

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