Lok Sabha Election 2024: सारण से रण में उतरेंगी Rohini Acharya, जानें कितनी पढ़ी-लिखीं हैं लालू की बिटिया

Written By कविता मिश्रा | Updated: Apr 01, 2024, 05:50 PM IST

पिता लालू प्रसाद यादव के साथ रोहिणी आचार्य. (Photo - Social Media)

Rohini Acharya: RJD मुखिया लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य सारण से चुनाव लड़ सकती हैं. आइए जानते हैं कि उनकी शादी किससे हुई है.

लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों के ऐलान के बाद से ही सभी राजनैतिक दल अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करने में लगे हुए हैं. हर दल हर क्षेत्र में अपने मजबूत उम्मीदवार उतारने की कोशिश में जुटा है. हर राज्य में पार्टियों के अपने-अपने चुनावी समीकरण हैं. बिहार में भी सभी पार्टियां रणनीति बनाने में लगी हैं. बिहार में INDIA गठबंधन की सीटों का बंटवारा हो गया है. RJD 26 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस 9 और लेफ्ट 5 सीटों पर. लेफ्ट की 5 सीटों में से माले 3 पर, CPI बेगूसराय से और CPM खगड़िया से चुनाव लड़ेगी. माना जा रहा है कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल होते ही राजद ने  26 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं, हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर किसी का नाम सामने नहीं आया है. इसी बीच यह भी चर्चा जोरों पर है कि RJD मुखिया लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य सारण से चुनाव लड़ सकती हैं. यह लालू की वही बेटी हैं, जिन्होंने अपने पिता को किडनी डोनेट की थी. उस समय रोहिणी आचार्य की खूब तारीफ़ भी हुई थी. 

सोमवार यानी आज 1 अप्रैल को रोहिणी आचार्य ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने से पहले विश्व प्रसिद्ध हरिहरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचीं.  रोहिणी आचार्य अपने परिवार के साथ 15 मिनट तक मंदिर परिसर में रहीं. बताया जाता है कि बाबा हरिहरनाथ मंदिर से लालू प्रसाद यादव का पुराना रिश्ता रहा है. उनका परिवार हमेशा कोई भी काम करने से पहले इस मंदिर में जरूर आता है. ऐसे में यह लगभग यह तय माना जा रहा है कि रोहिणी आचार्य अपनी राजनैतिक पारी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. 

 


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लालू को दी थी किडनी 

लालू यादव को उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने अपनी एक किडनी दान की है.बताया जाता है कि लालू यादव शुरुआत में नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी रोहिणी उनकी जिंदगी बचाने के लिए उन्हें अपनी किडनी डोनेट करें लेकिन रोहिणी ने अपने पिता को मना लिया था. रोहिणी आचार्य के इस फैसले पर लोगों ने खूब तारीफ़ भी की थी. पिता को किडनी देने के बाद रोहिणी आचार्य ने कहा था,'इस दुनिया में मुझे आवाज देने वाले पिता, जो मेरे लिए सब कुछ हैं, अगर मैं अपने जीवन का एक छोटा सा हिस्सा भी योगदान दे सकूं तो मैं बेहद भाग्यशाली महसूस  करूंगी. माता और पिता इस धरती पर भगवान हैं और सभी उनकी सेवा करने का कर्तव्य निभाना चाहिए.' रोहिणी ने यह भी कहा था कि मेरा तो मानना है कि ये तो बस एक छोटा सा मांस का टुकड़ा है, जो मैं अपने पापा के लिए देना चाहती हूं. पापा के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं. आपको बता दें कि हाल में ही बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने रोहिणी और लालू को लेकर विवादस्पद टिप्पणी की थी. उन्होंने लालू पर हमला बोलते हुए कहा था कि टिकट बेचने में लालू यादव ने अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को भी नहीं छोड़ा. पहले अपनी बेटी की किडनी ली और उसके बाद उसे लोकसभा चुनाव का टिकट दिया. जिसके बाद उनके इस बयान की खूब आलोचना भी हुई थी. 


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कितनी पढ़ीं लिखीं हैं रोहिणी आचार्य

लालू प्रसाद यादव के नौ बच्चों में रोहिणी आचार्य दूसरी संतान हैं. लालू की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती हैं और उसके बाद रोहिणी आचार्य का जन्म हुआ था.  रोहिणी आचार्य के बाद लालू की चार बेटियां हैं और दो बेटे हैं. लालू की सबसे छोटी बेटी राजलक्ष्मी हैं. रोहिणी आचार्य की बात करें तो उनका जन्म एक जून 1979 को पटना में हुआ था. रोहिणी के बारे में यह जानना दिलचस्प है कि वह शादी से पहले ही 'रोहिणी आचार्य' बनी हैं. जानकारी के अनुसार, पढ़ाई के दौरान ही उनका नाम रोहिणी आचार्य रखा गया था. पटना से स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने जमशेदपुर के प्रतिष्ठित एमजीएम मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है.  हालांकि उन्होंने कभी डॉक्टरी की प्रैक्टिस नहीं की है.साल 2002 में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के दौरान ही रोहिणी आचार्य की शादी समरेश सिंह के साथ हो गई थी. समरेश सिंह सिंगापुर में ही आईटी सेक्टर में नौकरी करते हैं. समरेश सिंह के परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं है.

सोशल मीडिया पर हैं खूब एक्टिव

रोहिणी आचार्य अपने पोस्ट के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार और सूबे के मुखिया नीतीश कुमार पर अक्सर ही तीखे प्रहार करती देखी जाती हैं. लालू प्रसाद के खिलाफ बयानबाजी करने वाले नेताओं पर वह कटाक्ष करने में कभी पीछे नहीं रहती हैं. अगर आप उनका सोशल मीडिया पोस्ट उठाकर देखेंगे तो आपको यह साफ दिखेगा कि राजनीति में कदम रखने से पहले ही वह कितनी सक्रिय थीं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि RJD और अपने परिवार के लिए सोशल मीडिया पर खुलकर बोलने वाली रोहिणी आचार्य संसद पहुंच पाती हैं या नहीं. 

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