डीएनए हिंदी: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता रोहित पवार से आज प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ करने वाला है. मुंबई में ईडी के दफ्तर जाने से पहले रोहित पवार ने अपने दादा और पार्टी के मुखिया शरद पवार के आशीर्वाद लिए. रोहित ने कहा कि उन्होंने कुछ गलत किया ही नहीं है तो उन्हें किसी बात का डर नहीं है. एनसीपी नेता रोहित पवार ने यह भी कहा कि मैं पूरा सहयोग करूंगा लेकिन अगर किसी को लगता है कि वह मुझ पर प्रेशर डाल सकता है तो मैं मराठी मानुष हूं, मैं डरता नहीं हूं. हाल ही में ईडी ने महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाले से जुड़े मामले में रोहित पवार को समन भेजा था और पेश होने को कहा था.
गिरफ्तारी की आशंकाओं के मामले पर रोहित पवार ने कहा, 'ईडी के अधिकारी अपना काम कर रहे हैं. मैं हमेशा उनका सहयोग करूंगा. जो हमारे विरोध में लोग हैं और उनको अगर लगता है कि इस बंदे पर प्रेशर डाला जा सकता है तो वे शायद भूल गए हैं कि मैं मराठी मानुष हूं, मैं डरता नहीं. अगर प्रेशर डालने के लिए ही यह सब हुआ है तो उन्होंने गलत बंदे पर प्रयोग किया है. अगर वे गिरफ्तार भी करते हैं तो हमें कोर्ट से न्याय लेना पड़ेगा लेकिन लड़ना तो पड़ेगा.
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क्या है मामला?
कतिथ तौर पर महाराष्ट्र स्टेट कॉपरेटिव बैंक घोटाला लगभग 25000 हज़ार करोड़ का है. इसी के अंतर्गत रोहित पवार की कंपनी बारामती एग्रो और उससे जुड़े ट्रांजैक्शन भी शामिल हैं. बीते दिनों एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने रोहित पवार की कंपनी बारामती एग्रो पर छापेमारी की थी. पुणे, अमरावती, औरंगाबाद समेत 6 जगह पर छापेमारी की गई थी. मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू विंग ने साल 2019 में केस दर्ज़ किया था. दरअसल, पिछले साल मुंबई हाई कोर्ट में 22 अगस्त को राज्य के सरकारी सेक्टर की शुगर फैक्ट्री को जिस तरह से कम दामों में बेचा उस पर कई सवाल खड़े हुए थे.
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रोहित पवार की कंपनी बरामती एग्रो ने जिस तरह एक सहकारी शुगर फैक्ट्री जिसका नाम कन्नड़ सहकारी शुगर कारखाना है, उसे महज़ 50 करोड़ में ही ख़रीद लिया था. इसलिए नीलामी प्रकिया में घोटाले के आरोप लगे थे. नीलामी प्रक्रिया में बारामती एग्रो के साथ हाईटेक इंजीनियरिंग और समृद्धि शुगर फैक्ट्री का भी नाम शामिल था. नीलामी प्रक्रिया के दौरान हाईटेक कंपनी ने केवल 5 करोड रुपये की बिडिंग की, यह रकम भी बारामती एग्रो से ही ले गई थी ऐसे आरोप लगे. साथ ही आरोप है कि बारामती एग्रो ने विभिन्न बैंकों उधार ली गई रकम का इस्तेमाल फैक्ट्री खरीदने में किया यानी की वर्किंग कैपिटल का प्रयोग शुगर फैक्ट्री को खरीदने के लिए किया गया.
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