लैंडर विक्रम को छोड़कर कहां चला गया रोवर प्रज्ञान, ISRO ने दिखा दी तस्वीर

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 02, 2023, 02:10 PM IST

Chandrayaan 3

Chandrayaan 3 Latest News: इसरो ने एक नई तस्वीर जारी करके दिखाया है कि अब रोवर प्रज्ञान अपनी लैंडिंग वाली जगह से कितनी दूर तक पहुंच गया है.

डीएनए हिंदी: एक तरफ भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने आज अपना पहला सौर मिशन Aditya L1 लॉन्च किया है. दूसरी तरफ, चंद्रयान-3 मिशन के तहत भेजे गए लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान की खोज जारी है. चांद की सतह पर लैंडर विक्रम अपनी जगह पर मौजूद है तो रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर घूम रहा है. अब ISRO ने जानकारी दी है कि रोवर प्रज्ञान अब लैंडर विक्रम से लगभग 100 मीटर की दूरी तक पहुंच गया है. इसरो चीफ सोमनाथ ने Aditya L1 के सफल लॉन्च के बाद इसकी जानकारी दी. अब इसरो ने एक तस्वीर भी जारी की है जिसमें दोनों के बीच की दूरी देखी जा सकती है.

इसरो ने जो तस्वीर जारी की है उसमें ग्राफिकल प्रेजेंटेशन दिखाई गई है. इसमें शिव शक्ति प्वाइंट यानी विक्रम लैंडर के उतरने की जगह और रोवर प्रज्ञान की मौजूदा लोकेशन को दिखाया गया है. फिलहाल, रोवर प्रज्ञान लैंडर विक्रम से पश्चिम दिशा की ओर घूम रहा है. बता दें कि कुछ दिन पहले रोवर प्रज्ञान के रास्ते में एक बड़ा गड्ढा आ गया था जिसकी वजह से उसका रास्ता बदला गया था. तस्वीर में वह बड़ा गड्ढा भी देखा जा सकता है.

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अब खत्म होने वाला है चंद्रयान-3 मिशन?
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया है कि रोवर और लैंडर को 'निष्क्रिय' करने की प्रक्रिया एक या दो दिन में शुरू हो जाएगी क्योंकि चांद पर अब रात हो जाएगी. बता दें कि भारत ने 23 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 को लैंड कराया था. तब इसरो ने कहा था कि यह चंद्रयान-3 मिशन दो हफ्तों के लिए सक्रिय रहेगा क्योंकि उसके बाद चांद के साउथ पोल पर रात हो जाएगी और उस स्थिति में यह मिशन काम नहीं कर पाएगा.

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ISRO ने हाल ही में बताया था कि रोवर प्रज्ञान पर लगे लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप ने चांद पर सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि की है. दक्षिणी ध्रुव के पास सल्फर की मौजूदगी के स्पष्ट संकेत मिले हैं. इसके अलावा जैसा अपेक्षित था रोवर को ऑक्सीजन की उपस्थिति का भी पता चला है. रोवर को दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रमा की सतह में एल्युमीनियम (Al), कैल्शियम (Ca), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr), टाइटैनियम (Ti), मैंगनीज (Mn) और सिलिकॉन (Si) की भी मौजूदगी मिली है. इसरो ने बताया है कि LIBS नामक यह पेलोड बेंगलुरु स्थित इसरो की प्रयोगशाला इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (एलईओएस) में विकसित किया गया है.

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