'हिंदू समाज देश का कर्ता-धर्ता, सबकुछ सहने को तैयार', जानें RSS चीफ मोहन भागवत ने ऐसा क्यों कहा

आदित्य प्रकाश | Updated:Sep 16, 2024, 07:47 AM IST

संघ प्रमुख की ओर से कहा गया कि 'यदि भारत में कुछ भी बुरा होता है तो इसका प्रभाव हिंदू तबके पर पड़ता है. इसकी वजह ये है कि हिंदू समाज देश का कर्ता-धर्ता है, परंतु यदि भारत में कुछ सही होता है, इससे हिंदुओं का मान बढ़ता है.' 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत ने हिंदू समाज को लेकर रविवार यानी कल एक बड़ा बयान दिया है. दरअसल वो राजस्थान के अलवर मैं आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान वो बोल रहे थे. उन्होंने बताया कि हिंदू होने का अर्थ उदार होना है. सबके साथ सद्भावना दिखाना व्यक्त करना है. भले ही सामने वाले की धार्मिक मान्यताएं, जाति या खानपान अलग हों. आगे उन्होंने आगे बताया कि हिंदू समाज देश का कर्ता-धर्ता है. संघ प्रमुख की ओर से कहा गया कि 'यदि भारत में कुछ भी बुरा होता है तो इसका प्रभाव हिंदू तबके पर पड़ता है. इसकी वजह ये है कि हिंदू समाज देश का कर्ता-धर्ता है, परंतु यदि भारत में कुछ सही होता है, इससे हिंदुओं का मान बढ़ता है.' 

और क्या सब बोले मोहन भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि जिसे आमतौर पर हिंदू धर्म कहा जाता है, वह संक्षेप में एक सार्वभौमिक मानव धर्म है. उन्होंने कहा, 'हिंदू सबकी भलाई चाहता है. हिंदू होने का मतलब दुनिया का सबसे उदार व्यक्ति होना है, जो सभी को गले लगाता है. मोहन भागवत पिछले दिनों भी इस तरह के बयान दे चुके हैं. हाल ही में कहा जा रहा था कि बीजेपी और आरएसएस के बीच सब कुछ सही नहीं चल रहा है. ऐसे वक्त में मोहन भागवत के इस बयान के आने के कई मायने हो सकते हैं. 

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