RSS के सर्वे का दावा- समलैंगिकता को बीमारी मानते हैं लोग, कानूनी मान्यता मिली तो यह और बढे़गी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 06, 2023, 10:40 AM IST

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RSS on LGBT: RSS से जुड़े एक संगठन ने अपने सर्वे में दावा किया है कि समलैंगिकता एक विकार है और इसे कानूनी मान्यता मिली तो इसे और भी बढ़ावा मिलेगा.

डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ (RSS) की महिला शाखा से जुड़े संगठन संवर्धिनी न्यास ने समलैंगिकता के मुद्दे पर एक सर्वेक्षण करवाने का दावा किया है. इस सर्वेक्षण का कहना है कि भारत में कई डॉक्टर और इससे संबंधित मेडिकल प्रोफेशनल समलैंगिकता को एक 'विकार' या 'बीमारी' मानते हैं. इस सर्वेक्षण का यह भी कहना है कि अगर समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता दे दी जाती है तो इस तरह के विकारों में बढ़ोतरी आएगी.

आरएसएस के समानांतर महिला संगठन राष्ट्र सेविका समिति की एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कहा कि सर्वेक्षण के निष्कर्ष देशभर के चिकित्सा पेशेवरों से मिली 318 प्रतिक्रियाओं पर आधारित हैं. इसमें आधुनिक विज्ञान से लेकर आयुर्वेद तक, आठ अलग-अलग उपचार पद्धतियों के चिकित्सा पेशेवर शामिल हैं. संवर्धिनी न्यास के मुताबिक, सर्वेक्षण में शामिल 70 फीसदी डॉक्टरों और संबद्ध चिकित्सा पेशेवरों ने समलैंगिकता को एक विकार बताया, जबकि 83 प्रतिशत ने समलैंगिक संबंधों में यौन रोगों के संचरण की अधिक आशंका होने की पुष्टि की.

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'बच्चों की बेहतर परवरिश नहीं कर पाएंगे समलैंगिक अभिभावक'
इस संगठन के अनुसार, 'सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले चिकित्सा पेशेवरों ने कहा कि समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने का फैसला मरीजों को ठीक करने और उन्हें सामान्य स्थिति में लाने के बजाय समाज में इस विकार को और बढ़ावा दे सकता है.' न्यास ने कहा, 'सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि इस तरह के मनोवैज्ञानिक विकार से जूझ रहे मरीजों को ठीक करने के लिए काउंसलिंग बेहतर विकल्प है.'

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सर्वेक्षण में समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने की मांग पर कोई भी निर्णय लेने से पहले जनता की राय जानने का सुझाव दिया गया है. न्यास के मुताबिक, 'सर्वेक्षण में शामिल 67 फीसदी डॉक्टरों ने कहा है कि उन्हें लगता है कि समलैंगिक माता-पिता बच्चों की अच्छी परवरिश नहीं कर पाएंगे.'

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