डीएनए हिंदी: भारत (India) ने एक बार फिर चीन को स्पष्ट संदेश दिया है कि जब तक सभी सीमाई विवादों को सुलझा नहीं दिया जाता, तब तक भारत और चीन के बीच संबंध सामान्य नहीं होने वाले हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीन (China) के साथ भारत के संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि सीमावर्ती इलाकों में शांति न हो और इस मामले में भारत की ओर से उस देश को दिया गया संकेत स्पष्ट है.
एस जयशंकर ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में कहा, 'मैं कह रहा हूं कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति का माहौल नहीं होगा, जब तक समझौतों का पालन नहीं किया जाता है और यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयास पर रोक नहीं लगती है तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं.'
Russia से तेल खरीदने पर अमेरिका ने फिर दी बिन मांगी सलाह, 'रूस पर निर्भरता कम करे भारत'
चीन से क्यों खफा है भारत?
गलवान घाटी की झड़पों का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि 2020 में जो हुआ वह एक पक्ष का प्रयास था, और हम जानते हैं कि वह कौन था, जो समझौते से अलग हटा था और यह मुद्दा सबसे अहम है.
कनाडाई PM की चीन को चेतावनी, जस्टिन ट्रूडो बोले- हमारे लोकतंत्र से दूर रहो
एस जयशंकर ने कहा, 'क्या हमने तब से प्रगति की है? कुछ मायनों में, हां. टकराव वाले कई बिंदु थे. उन टकराव वाले बिंदुओं में, सेना द्वारा खतरनाक रूप से करीबी तैनाती थी, मुझे लगता है कि उनमें से कुछ मुद्दों को समान और आपसी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हल किया गया है.'
चीन के साथ संबंध भारत अपने हितों के अनुरूप रखेगा
विदेश मंत्री ने उम्मीद जताई कि चीन को यह अहसास होगा कि वर्तमान स्थिति उसके हित में भी नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत की ओर से चीन को दिया गया संकेत स्पष्ट है. वे इसे अपने हितों से तौलेंगे, लेकिन यह सिर्फ जनता की भावना की बात नहीं है और जनता की भावना मजबूत है. मुझे लगता है कि यह सरकार की नीति है, यह राष्ट्रीय सोच, जन भावना और रणनीतिक आकलन है.
'पश्चिमी देशों से आगे निकल जाएगा भारत', विदेश मंत्री जयशंकर के इस बयान से गदगद हुआ ड्रैगन
गलवान झड़प के बाद खतरनाक हो गए हैं भारत-चीन के संबंध
जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया था. पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में गतिरोध को हल करने पर अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है, हालांकि दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक वार्ता के जरिये टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को पीछे हटाया है.
जब तक चीन नहीं करेगा पहल, नहीं होगी सीमा पर शांति!
भारत लगातार इस बात को कहता रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए जरूरी है. पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया था. (इनपुट: भाषा)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.