भगवान कृष्ण और हनुमान थे दुनिया के सबसे बड़े डिप्लोमेट, वायरल हो रहा विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 29, 2023, 02:29 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर. (फोटो- PTI)

विदेश मंत्री एस जयशंकर को विदेश नीति पर महाभारत और रामायण की याद आई है. समझिए क्या है पूरा मामला.

डीएनए हिंदी: विदेश मंत्री एस जयशंकर, राजनीति में उतरने से पहले एक सफल डिप्लोमेट रह चुके हैं. उनकी विदेश नीति का लोहा माना जाता है. एक इवेंट के दौरान उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े डिप्लोमेट के नाम का खुलासा किया है. उन्होंने जो बयान दिया है, उसे सुनकर लोग हैरान हो गए हैं. उन्हें विदेश नीति पर रामायण और महाभारत याद आया है.

विदेश मंत्री जयशंकर अपनी किताब ‘द इंडिया वे’ के मराठी अनुवाद ‘भारत मार्ग’ के विमोचन के अवसर पर पुणे में जो कुछ कहा, लोग उसे सुनकर हैरान हैं. उन्होंने लोगों के सवालों का जवाब देते हुए कुछ ऐसा कहा है, जिस पर नई बहस छिड़ सकती है. उनका वर्ल्ड डिप्लोमेसी पर दिया गया बयान, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

क्यों वायरल हो रहा है एस जयशंकर का बयान?

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'सबसे बड़े डिप्लोमेट एक श्री कृष्ण थे और हनुमान थे. अगर आप उनको कूटनीति के परिप्रेक्ष्य से देखें तो वे किस स्थिति में थे, उन्हें मिशन क्या दिया गया था, किस तरीके से उसे हैंडल किया था. हनुमान जी ने तो खुद की इंटेलिजेंस का परिचय देते हुए इतना आगे बढ़ गए कि वो टारगेट से आगे बढ़ गए और सीता जी से मिले और लंका को भी जला दिया. पूरी लंका की खबर ली. कैसे डिप्लोमेट थे. वह मल्टीपर्पज डिप्लोमेट थे.'

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एस जयशंकर को क्यों आई महाभारत की याद?

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'जरा आप सोचिए, आज की दुनिया मल्टीपोलर है. उस समय कुरुक्षेत्र के मैदान में क्या हो रहा था? अलग-अलग राज्य थे, सबको कहा गया कि आप उनके साथ हैं, मेरे साथ हैं. बलराम जैसे बिना गुट वाले भी उस समय थे. हम भी कहते हैं कि ग्लोबल दुनिया है, ये अड़चनें हैं. अर्जुन की दुविधा क्या थी, वह भावनात्मक रूप से दूसरों से जुड़े थे. वह सोच रहे थे कि मैं अपने रिश्तेदारों के खिलाफ कैसे लड़ाई लड़ूं. कभी-कभी हम कहते हैं कि पाकिस्तान ने ये किया, वो किया चलो, हम स्ट्रैटिजिक पेशेंस दिखाते हैं. शानदार डिप्लोमेसी का सबसे अच्छा उदाहरण कृष्ण भगवान हैं.'

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क्यों भड़क सकता है हंगामा?

विपक्ष में एक धड़ा है जो सेक्युलर पॉलिसी में आस्था रखता है. वह चाहता है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग ऐसे बयान न दें, जो किसी धर्म विशेष से संबंधित हो. हनुमान और कृष्ण हिंदू देवता हैं. अब इस बयान पर विपक्ष हंगामा हो सकता है.

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