विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन पर कड़ा प्रहार किया है. जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत का कालखंड अब समाप्त हो चुका है. भारत निष्क्रिय नहीं है और घटनाएं सकारात्मक हों या नकारात्मक भारत प्रतिक्रिया जरूर देगा. वहीं उन्होंने चीन को 'दोहरी पहेली' बताया है.
एस जयशंकर ने यह बात दिल्ली में एंबेसेडर राजीव सिकरी की किताब Strategic Conundrums: Reshaping India’s Foreign Policy के विमोचन समारोह में कही. उन्होंने कहा कि दुनिया में किसी भी देश के लिए पड़ोसी हमेशा 'पहेली' होते हैं और बड़ी महाशक्तियां भी ऐसी होती हैं.
विदेश मंत्री ने कहा कि प्रमुख महाशक्तियां पहेली होती हैं, क्योंकि उनके हित व्यापक हैं. उनके पास हमेशा एक एजेंडा होगा, जो हमारे एजेंडा से ओवरलैप करेगा. लेकिन अलग-अलग कोणों पर भिन्न भी होगा.
चीन को लेकर कही ये बात
जयशंकर ने कहा कि चीन के मामले में आपकी पहेली दोहरी है क्योंकि वह पड़ोसी है और बड़ी महाशक्ति भी है. उन्होंने कहा कि इसलिए चीन के साथ चुनौतियां इस दोहरी परिभाषा में फिट बैठती हैं.
पूर्व राजनयिक राजीव सीकरी की किताब ‘स्ट्रटेजिक कनन्ड्रम: रिशेपिंग इंडियाज फॉरेन पॉलिसी’ में भारत के पड़ोसी देशों के साथ उसके संबंधों और संलग्न चुनौतियां के बारे में बात की गई है. जयशंकर ने यह भी कहा कि पड़ोस में दक्षेस और बिम्सटेक के बारे में बहस हो रही है और आप सभी अंतर समझते हैं.
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'370 का मुद्दा अब खत्म हो चुका'
पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध संवाद का कालखंड समाप्त हो गया है. कार्रवाइयों के परिणाम होते हैं और जहां तक जम्मू कश्मीर की बात है, मुझे लगता है कि (अनुच्छेद) 370 हो चुका है. इसलिए आज यह मुद्दा है कि हम पाकिस्तान के साथ संभवत: किस तरह के संबंधों पर विचार कर सकते हैं.’
#WATCH | Speaking on Pakistan at a book launch event in Delhi, External Affairs Minister Dr S Jaishankar says, "The era of uninterrupted dialogue with Pakistan is over. Actions have consequences. So far as J&K is concerned, Article 370 is done. So, the issue is what kind of… pic.twitter.com/41ZSq9VQHs
उन्होंने कहा, ‘मैं यह कहना चाहता हूं कि हम निष्क्रिय नहीं हैं, और घटनाएं सकारात्मक दिशा में हों या नकारात्मक दिशा में हम प्रतिक्रिया देंगे.’ अफगानिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि सामाजिक स्तर पर दरअसल जनता के बीच मजबूत संबंध हैं और भारत के लिए निश्चित रूप से सद्भावना है. (PTI इनपुट के साथ)
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