डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लगातार मिल रही हार के बाद पार्टी की रणनीति में बदलाव किया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) जैसी कैडर बेस्ड पार्टी को टक्कर देने के लिए अखिलेश यादव ने जमीनी स्तर पर पार्टी को जमीनी स्तर पर एक बार फिर खड़ा करने की रणनीति तैयार की है. मंगलवार को पार्टी की सदस्यता अभियान की शुरुआत करना इन्हीं वजहों में से एक है.
अखिलेश यादव ने कहा है कि सपा का सदस्यता अभियान लगातार चलता रहेगा. उन्होंने कहा, 'कोशिश होगी कि सपा गांवों में ज्यादा से ज्यादा पहुंचे, हर घर तक पहुंचे. सपा कार्यकर्ता पार्टी की बात, पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों की जानकारी लेकर जनता के बीच रहेंगे. यह बात लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है कि लोकतंत्र बचाने के लिए समाजवादी पार्टी के लोग आगे आ रहे हैं. इसमें सहयोग करें और इसके साथ जुड़ें.'
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संगठन को फिर से खड़ा करने की कोशिश में जुटी सपा
अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी ने अभी यह तय नहीं किया है कि कितने सदस्य बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सपा शहर गांव और घर तक पहुंचने की कोशिश करेगी तथा सदस्यता अभियान खत्म होने के बाद संगठन का पुनर्गठन होगा .
हार के कारणों पर जारी है मंथन
रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों के हाल में हुए उपचुनाव में पार्टी की हार के मूल कारणों के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी समीक्षा की जा रही है. अभी समाजवादी पार्टी सदस्यता अभियान चलाने जा रही है जो लगातार चलेगा.
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सदस्यता से साधेंगे लोकसभा चुनाव
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व सांसद और वरिष्ठ कवि उदय प्रताप सिंह ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को सदस्य बनाया जबकि अखिलेश यादव ने सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, सहित लखनऊ जनपद से चुनाव लड़े प्रत्याशियो और पूर्व विधायकों को सदस्यता दिलाई. पार्टी इसी रणनीति के जरिए लोकसभा चुनावों को साधने की कोशिश कर रही है.
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बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है समाजवादी पार्टी
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक सदस्यता अभियान के तहत पार्टी ने 2024 में होने वाले लोकसभा और 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी संगठन में बड़े बदलाव की ओर कदम उठाया है. सपा के दिग्गज नेताओं का दावा है कि सदस्यता अभियान के बाद संगठन को मजबूती मिलेगी.
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