बिहार के समस्तीपुर में एक 14 साल के लड़के की सूझबूझ ने लगभग 1300 यात्रियों की जान बचाई है. घटना शनिवार सुबह की है. हावड़ा से काठगोदाम जा रही बाघ एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार होते-होते बची है. इस भीषण रेल हादसे के होने से लगभग 1300 लोगों की जान को खतरा था.
दरअसल बाघ एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से करीब 1 घंटे की देरी से चल रही थी. ये ट्रेन लगभग शनिवार की सुबह 9.44 पर समस्तीपुर स्टेशन पहुंची. उसके बाद 10.02 बजे आगे की यात्रा के लिए रवाना हुई. तभी स्टेशन से आगे बढ़ने पर भोला टाकीज गुमटी से आप-पास अप लाइन पर रेल की पटरी टूटी हुई थी.
उसी समय 14 वर्षीय मो. शाहबाज रेल लाइन के पास से गुजर रहा था. तभी उसकी नजर टूटी हुई पटरी पर पड़ी. बच्चे ने अपनी समझ अनुसार गमछा हिला कर ट्रेन को रूकवा दिया. जिससे यात्रियों की जान बच गई.
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किशोर के गमछा हिलाने पर ट्रेन रोककर लोको पायलट विद्यासागर नीचे उतरे और गमछा हिलाने का कारण पूछा तो उसने पटरी टूटी होने की बात कही. तभी ट्रेन के गार्ड अरुण कुमार दुबे मौके पर पहुंच गए.
लोको पायलट व गार्ड ने टूटी पटरी देखने के बाद इसकी सूचना ट्रैक मेंटनेंस टीम की दी.
सूचना मिलते ही ट्रैक मेंटनेंस टीम मौके पर पहुंची और पटरी की मरम्मत की. तब ट्रेन आगे बढ़ी, इस दौरान लगभग 45 मिनट तक ट्रेन खड़ी रही.
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