Sammed Shikharji Controversy: मोदी सरकार का बड़ा फैसला, पारसनाथ पर्वत पर टूरिज्म होगा बंद, निगरानी समिति बनेगी, जानिए 5 पॉइंट्स

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 05, 2023, 06:54 PM IST

Sammed ShikharJi पर्वत के चारों तरफ 2019 में इको सेंसटिव जोन घोषित हुआ था. (फाइल फोटो)

Sammed Shikharji News: सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र झारखंड के गिरिडीह में है, जिसकी जैन धर्म में बेहद अहमियत है. इसे लेकर विवाद चल रहा है.

डीएनए हिंदी: Sammed Shikharji Issue- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र विवाद में एक बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने झारखंड राज्य सरकार को इस पर्वत के आसपास रिजर्व बफर जोन बनाए जाने के अपने गजट नोटिफिकेशन में संशोधन के लिए अनुशंसा भेजने का आदेश दिया है. केंद्रीय जलवायु व परिवर्तन मंत्रालय ने राज्य सरकार को इसके लिए पत्र लिखा है, जिसमें इस एरिया में टूरिज्म बंद करने के लिए कहा गया है. साथ ही राज्य सरकार को एक निगरानी समिति बनाने का आदेश दिया गया है, जिसमें जैन समुदाय के दो सदस्यों के साथ ही एक सदस्य स्थानीय अनुसूचित जनजातीय समुदाय से भी शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं. यह पत्र मंत्रालय की तरफ से वन महानिरीक्षक (वन्य जीव) रोहित तिवारी ने झारखंड के अपर मुख्य सचिव वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन एल. खिंग्याटे को भेजा गया है. 

आइए 5 पॉइंट्स में जानते हैं क्या है यह मामला और केंद्र सरकार ने पत्र में क्या निर्देश दिए हैं.

1. जैन धर्म में है सम्मेद शिखरजी पर्वत का पवित्र महत्व

जैन धर्म में झारखंड के गिरिडीह जिले में मौजूद सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र को सबसे ज्यादा पवित्र महत्व वाला माना जाता है. इसे पारसनाथ या पार्श्वनाथ पर्वत भी कहा जाता है. इस पर्वत क्षेत्र के आसपास के एरिया को झारखंड सरकार ने पारसनाथ फॉरेस्ट रिजर्व व इको सेंसेटिव जोन घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजी थी. इसके बाद 2 अगस्त, 2019 को इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था. हालांकि जैन समुदाय उसी समय से इसका विरोध कर रहा है. 

2. केंद्र सरकार ने माना इसे जैन धर्म का सबसे पवित्र स्थान

जैन समुदाय के विरोध को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने भी पत्र में माना है कि सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र जैन धर्म का विश्व में सबसे पवित्र स्थान है. साथ ही कहा गया है कि केंद्र सरकार इसकी पवित्रता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. 

3. नोटिफाइड एरिया में लागू हो नशाबंदी, रोकी जाए अवैध ट्रैकिंग

पत्र में राज्य सरकार को पारसनाथ फॉरेस्ट मैनेजमेंट प्लान के नियम नंबर 7.6.1 को सख्ती से लागू करने को कहा है. इसमें पारसनाथ पर्वत क्षेत्र में नशाबंदी लागू करने, नॉनवेज की बिक्री बंद करने, तेज संगीत नहीं बजाने, पवित्र स्मारकों का संरक्षण करने के अलावा इस एरिया में अवैध कैंपिंग व ट्रैकिंग रोकने को कहा गया है. 

4. इको टूरिज्म एक्टिविटीज की जाए बंद

केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से गजट नोटिफिकेशन के खंड-3 को संशोधित करने के लिए अनुशंसा मांगी है, जिसमें पर्वत क्षेत्र के चारों तरफ बफर जोन के संरक्षण के लिए इको सेंसटिव जोन बनाकर पर्यटन व इको टूरिज्म से जुड़ी एक्टिविटीज किए जाने का प्रावधान किया गया था. केंद्र सरकार ने इस प्रावधान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है और राज्य सरकार को इसे सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है.

5. निगरानी के लिए बनाई जाए समिति

केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन के प्रावधानों को सख्ती से लागू किए जाने के लिए एक निगरानी समिति गठित करने का आदेश दिया है. यह समिति पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा-3 की उप धारा-3 के तहत गठित की जाएगी. राज्य सरकार को इस समिति में जैन समुदाय के दो स्थायी सदस्य और स्थानीय जनजातीय समुदाय से एक स्थायी सदस्य शामिल करने का आदेश दिया है ताकि इको सेंसटिव जोन में सख्ती से कार्रवाई की जा सके. 

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