Samod Accident: एक साथ उठी परिवार से 8 अर्थी, 4 साल के मासूम ने दी चिता में आग, रो पड़ा पूरा गांव

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jan 03, 2023, 07:30 PM IST

Samod Road Accident News: मृतकों के अंतिम संस्कार में पूरा गांव मौजूद था. (फोटो-Twitter)

Rajasthan News: नए साल के जश्न के दौरान राजस्थान के सीकर जिले में हुए हादसे में सामोद के एक परिवार के 8 लोगों समेत कुल 12 की मौत हो गई थी.

डीएनए हिंदी: राजस्थान के सीकर जिले के खंडेला एरिया में नए साल के जश्न के दौरान हुए एक भयानक एक्सीडेंट ने दो परिवारों की जिंदगी हमेशा के लिए सूनी कर दी. पिकअप, डीटीएच मशीन की गाड़ी और एक बाइक के बीच हुए इस एक्सीडेंट में 12 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 8 लोग सामोद के एक ही परिवार के थे. यह परिवार नए साल के मौके पर अपनी कुलदेवी के चरणों में सुख समृद्धि की प्रार्थना करने के बाद वापस लौट रहा था. इन 8 लोगों की अर्थी जब एक साथ उठी और चिता को मुखाग्नि देने के लिए 4 साल के बच्चे को अर्थियों के आगे चलाया गया तो पूरे सामोद गांव में हर कोई रोता हुआ दिखा दिया. मरने वालों में तीन सगे भाई-बहन, एक भतीजा, एक भाई की पत्नी शामिल थे. 

ऐसे हुआ था यह भयानक हादसा

दरअसल, जयपुर के सामोद गांव निवासी कैलाशचंद और सुवालाल का परिवार नए साल के मौके पर 1 जनवरी को अपनी कुलदेवी के दर्शन के लिए गया था. परिवार ने नई पिकअप गाड़ी खरीदी थी, उसी में सवार होकर सभी खंडेला गणेश मंदिर के लिए रवाना हुए थे. वापस लौटते समय खंडेला पलसाना मार्ग पर पिकअप की टक्कर एक मोटरसाइकिल से हो गई. इसके बाद पिकअप सामने से आ रही डीटीएच मशीन वाले मिनी ट्रक में जा घुसी. तीनों वाहनों के परखच्चे उड़ गए. कैलाशचंद के दो बेटों अजय-विजय, बेटी रेखा, विजय की पत्नी राधा, सुवालाल की बहू पूनम व अनुराधा, पोता आरव और पोती निक्कू के साथ ही उनके पड़ोसी अरविंद की इस हादसे में मौत हो गई.

सोमवार को गांव पहुंच शव तो हर कोई बिलख उठा

हादसे में मरने वाले लोगों के शव सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद सामोद गांव लाए गए. एक साथ इतने शव देखकर पूरा गांव बिलख उठा. पूरे गांव में मातम का माहौल रहा. किसी के घर में खाना नहीं बना और न ही दुकानें खोली गईं. हर किसी की आंख नम थी. ऐसे ही माहौल में जब एक ही आंगन से 8 अर्थियां उठीं तो सब बिलख-बिलख कर रोने लगे. इन 8 चिताओं को अर्थी 4 साल के मासूम बच्चे ऋषभ ने दी, जिसे शायद मौत का मतलब भी ठीक से नहीं पता होगा.

कबाड़ के काम के लिए खरीदी थी पिकअप

अजय और विजय कबाड़ खरीदने और बेचने का काम करते थे. दोनों भाइयों की दो साल पहले ही शादी हुई थी. दोनों ने कबाड़ का सामान इधर-उधर ले जाने के लिए ही नई पिकअप गाड़ी खरीदी थी. इस गाड़ी को कुलदेवी का आशीर्वाद दिलाने के लिए ही वे पूरे परिवार को साथ लेकर रविवार सुबह करीब 10 बजे खंडेला गणेश मंदिर रवाना हुए थे. गाड़ी में 14 लोग सवार थे, जिनमें से 9 की हादसे में मौत हो गई.

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