डीएनए हिंदी: संयुक्त किसान मोर्चा 3 साल बाद एक बार फिर दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत करने वाला है. किसान राजधानी में एकजुट होकर अपनी मांगों को केंद्र सरकार के सामने रखेंगे. किसानों की मांग है कि कृषि सेक्टर में किसी भी तरह के विदेशी निवेश को बंद किया जाए.
किसानों ने यह भी मांग की है कि किसान आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएं. किसान एक अरसे से केंद्र सरकार से कर्जमाफी की मांग कर रहे हैं. दिल्ली में अब व्यापक स्तर पर किसान आंदोलन की रूप-रेखा तैयार हो रही है.
ये है किसानों का शेड्यूल
किसान 20 मार्च को सुबह 10 बजे दोपहर से लेकर 3.30 तक दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटेंगे. इस बैठक में हजारों किसान पहुंचने वाले हैं. किसान शनिवार से ही दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं.
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क्या है किसानों की प्रमुख मांगें?
संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी पुरानी सभी मांगों को एक बार फिर दोहराया है. किसान मोर्चा की मांग है कि सरकार लोन माफ कर दे. सरकार कृषि क्षेत्र में विदेशी निवेश पर रोक लगा दे. सरकार किसानों को पम्पिंग सेट के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली दे.
दिल्ली की तरफ कूच कर रहे किसानों की मांग है कि हर किसान को 5,000 रुपये प्रति माह पेंशन दिया जाए. किसानों ने मांग की है कि किसान आंदोलन के दौरान सभी दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं.
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