पश्चिम बंगाल में संदेशखाली केस को लेकर हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगाई है. कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने शेख शाहजहां को आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि राज्य उसकी रक्षा करना जारी नहीं रख सकता. कोर्ट ने फरार शेख शाहजहां को पकड़ने को लेकर ममता सरकार और बंगाल पुलिस से सवाल पूछे हैं. इसके साथ कोर्ट ने पूछाकि आखिर अब तक पुलिस शेख शाहजहां को गिरफ्तार क्यों नहीं कर सकी है? ऐसे में आइए जानते हैं कि शाहजहां शेख कौन है.
ईडी की तरफ से तीन समन जारी किए जाने के बाद भी पश्चिम बंगाल की संदेशखाली हिंसा में मामले में टीएमसी नेता शाहजहां शेख की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. शाहजहां शेख पर ईडी पर हमले, महिलाओं के यौन उत्पीड़न और राशन घोटाले में शामिल होने के संगीन आरोप हैं. इसके साथ महिलाओं की सुंदरता को देखकर उनका उत्पीड़न करने का भी आरोप है.
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शाहजहां शेख पर क्या बोली कलकत्ता HC?
कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली हिंसा मामले में ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगाई. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस शिवगणनम संदेशखाली के मुद्दे पर कहा कि टीएमसी नेता जहां कहीं भी उसे सरेंडर करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने मुख्य आरोपित तृणमूल नेता शाहजहां शेख को तत्काल गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का भी आदेश दिया है. जानकारी के लिए बता दें कि शेख के फरार होने पर उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया था. 45 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक शाहजहां शेख तक नहीं पहुंच पाई है. ईडी और दूसरी एजेंसियों ने पहले उसके बांग्लादेश भागने की आशंका भी व्यक्त की थी.
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कौन है शाहजहां शेख
शाहजहां शेख बांग्लादेश सीमा के पास उत्तर 24 परगना में संदेशखाली ब्लॉक में मछली पालन में एक छोटे से कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत की थी. शेख ने संदेशखाली में मछली पालन और ईंट भट्टों में एक श्रमिक के रूप में शुरुआत की. वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा है. 2 साल का शाहजहां शेख राज्य में टीएमसी की सरकार आने से पहले तक सीपीएम के साथ था. साल 2013 में शाहजहां तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गया. साल 2019 में जब बीजेपी-टीएमसी के साथ हुए विवाद में तीन लोगों की मौत हो गई थी, तो इसमें शाहजहां का नाम आया था.
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