डीएनए हिंदी: 1,000 करोड़ रुपये के पात्रा चाल घोटाले (Patra Chawl Scam) के आरोपी और शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को 1 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. तब से वे मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं. उनकी जिंदगी काफी बदल गई है और जेल में उनकी पहचान कैदी नंबर 8959 से है. ED ने उन्हें उनके ही घर से छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था और अब वे जेल में हैं.
दरअसल, शिवसेना सांसद संजय राउत रोज रात आर्थर रोड जेल में ही करवटें बदलते हैं और जेल में उन्हें दस बाय दस का एक अलग बैरक मिला है. इस अलग बैरक की वजह सुरक्षा कारण हैं. वहीं इस बैरक के अलावा उन्हें शौचालय और स्नानगृह भी मिला हुआ है. इतना ही नहीं, उनके बैरक के आसपास भी सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत रहती है. दिन के समय वे स्वयं को व्यस्त रखते हैं और अलग-अलग माध्यमों से महाराष्ट्र की राजनीति पर नजर रखते हैं.
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पढ़ाई लिखाई का करते हैं काम
अहम बात यह है कि जेल प्रशासन से उन्होंने नोट बुक और पेन की डिमांड की थी जिसे मंजूर कर लिया गया और अब दिन में अक्सर वो कुछ लिखते रहते हैं. यही नहीं, उन्होंने कई किताबों की भी डिमांड की थी जिसे उन्हें उपलब्ध कराया गया है. अब दिन भर वे या तो लिखते हैं या किताबें पढ़ते रहते हैं.
किसी से नहीं मिल सकते संजय राउत
जानकारी के मुताबिक वे परिवार के लोगों के सिवा किसी और से नहीं मिल सकते हैं. पिछले दिनों कुछ सांसद और विधायक राउत से मिलने गए थे लेकिन उन्हें शिवसेना सांसद से मिलने की इजाजत जेल प्रशाशन ने नहीं दी गई. हालांकि जेल में खाना और दवाएं उन्हें घर से कोर्ट के आदेश पर दी जा रही हैं जो कि उनके लिए एक बड़ी सहूलियत है.संजय राउत 22 अगस्त तक राउत को इसी बैरक और इन्हीं किताबों के साथ रहना है और जेल के नियमों का पालन करना है.
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गौरतलब है कि संजय राउत को 1 अगस्त को भांडुप से उनके निजी आवास में छापेमारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किया गया था. वहीं पहले चार और फिर उन्हें 22 अगस्त तक न्यायिक हिरासत पर भेज दिया गया था. हालांकि इस पूरे मामले में शिवसेना लगातार भाजपा और केंद्र सरकार पर केंद्रीय च एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाती रही है.
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