डीएनए हिंदी: राज्यसभा सांसद संजय आउत (Sanjay Raut) जेल से बाहर आ गए हैं. पात्रा चॉल घोटाले (Patra Chawl Scam) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में संजय राउत को 101 दिनों के बाद राहत मिली. जेल से बाहर आते ही संजय राउत के सुर बदले-बदले लग रहे हैं. संजय राउत ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की तारीख की है. उन्होंने यह भी कहा है कि वह दिल्ली जाकर गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. संजय राउत गुरुवार को ही शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के मुखिया उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार से मुलाकात करेंगे.
संजय राउत ने कहा, 'मैं उद्धव ठाकरे से मुलाकात करूंगा. एनसीपी चीफ शरद पवार ने भी मुझे बुलाया है. मुझे किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है. हमने ऐसा राजनीतिक बदला आज तक नहीं देखा. मैं इसके लिए किसी केंद्रीय एजेंसी को दोष नहीं दूंगा. महाराष्ट्र में नई सरकार बन गई है. मैं उनके कुछ फैसलों का स्वागत करता हूं. उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ अच्छे फैसले लिए है. हमें लगता है कि डिप्टी सीएम फडणवीस ही सरकार चला रहे हैं और वही राज्य के मुखिया हैं.'
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पीएम मोदी और अमित शाह से मिलेंगे संजय राउत
उन्होंने आगे कहा, 'मैं आज ही उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मिलूंगा. दो-चार दिन में मैं आम लोगों के काम से देवेंद्र फडणवीस से मिलूंगा, मैं दिल्ली भी जाऊंगा और वहां केंद्री. गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलूंगा.' हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद संजय राउत कल ही जेल से बाहर आए हैं.
क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
यह मामला 2007 का है. महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी म्हाडा, प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डिवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की मिली भगत से यह घोटाला होने का आरोप है. 2007 में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रीडिवेलपमेंट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया. यह कंस्ट्रक्शन गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर में होना था. म्हाडा की 47 एकड़ जमीन में कुल 672 घर बने हैं. रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे.
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म्हाडा के लिए फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डिवलपर्स को बेचना था. 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए. इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत गुरुआशीष को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाने थे. पात्रा चॉल के किराएदारों के 672 फ्लैट फिर से बनाए जाने थे और करीब 3,000 फ्लैट बनाकर MHADA को दिए जाने थे. ये सभी फ्लैट म्हाडा की 47 एकड़ जमीन पर बनाए जाने थे.
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