डीएनए हिंदी: दिल्ली में कथित शराब नीति घोटाला में आम आदमी पार्टी के नेताओं की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. मनीष सिसोदिया के बाद आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह जेल में हैं और उन्हें अब जमानत के लिए 10 नवंबर तक और इंतजार करना होगा. कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ा दी है. कोर्ट ने उन्हें पेशी के दौरान मीडिया से बात करने और बयानबाजी से बचने की नसीहत दी थी. इसके बावजूद भी वह कोर्ट में बोलने से खुद को नहीं रोक सके. मीडिया के सामने उन्होंने कहा था कि सत्ता के खिलाफ संंघर्ष जारी रहेगा. इससे पहले भी पिछली बार पेशी के दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान दिया था. पेशी के दौरान वह मीडिया के सामने बयानबाजी करने से नहीं चूकते हैं.
संजय सिंह की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद उन्हें शुक्रवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था. कड़ी सुरक्षा के बावजूद मीडिया कैमरों के सामने उन्होंने कहा, 'सत्ता के खिलाफ हमारा संघर्ष जारी है.' कोर्ट ने प्रवत्न निदेशालय की दलील को स्वीकार करते हुए 10 नवंबर तक के लिए सिंह की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है. ईडी ने कोर्ट के सामने मीडिया के सामने बयानबाजी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि इससे सुरक्षा को गंभीर खतरा बन जाता है.
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प्रवर्तन निदेशालय की दलील को कोर्ट ने स्वीकार किया
संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की दलीलों को स्वीकार किया है. जांच एजेंसी ने कहा था कि आरोपी के पास से कुछ ऐसे दस्तावेज बरामद हुए हैं और ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिन्हें देखते हुए हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है. जमानत पर बाहर निकलने की दशा में उन साक्ष्यों और गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है. इससे पहले पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बेल याचिका खारिज करते हुए कहा था कि कोर्ट के पास जमानत देने की कोई ठोस वजह नहीं है.
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आम आदमी पार्टी के सामने अब कई मुश्किलें
कुछ ही महीने में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे वक्त में पार्टी के कई बड़े नेता जेल में हैं और शराब नीति घोटाले में जांच जारी है. कोर्ट ने पार्टी को आरोपी बनाने पर भी जांच एजेंसी का पक्ष जाना है. संजय सिंह, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे नेताओं के जेल में होने से पार्टी के प्रचार और चुनावी रणनीति बनाने को लेकर गंभीर संकट बन सकता है. दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल लगातार कह रहे हैं कि उन्हें और पार्टी नेताओं को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है.
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