कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना, जो होंगे सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस, जानें कब लेंगे शपथ

Written By रईश खान | Updated: Oct 25, 2024, 12:24 AM IST

Justice Sanjeev Khanna

Sanjeev Khanna New CJI: जस्टिस संजीव खन्ना उन पांच न्यायाधीशों की पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने संबंधी केंद्र के 2019 के फैसले को बरकरार रखा था.

जस्टिस संजीव खन्ना (Sanjiv Khanna) सुप्रीम के नए मुख्य न्यायाधीश होंगे. केंद्र ने सरकार ने गुरुवार को उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी. संजीव खन्ना मौजूदा चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) की जगह लेंगे. चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. जस्टिस खन्ना 11 नवंबर को सीजेआई की शपथ लेंगे. उनका कार्यकाल 6 महीने का होगा और वह 13 मई, 2025 को पदमुक्त होंगे. 

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का इस्तेमाल करते हुए माननीय राष्ट्रपति, भारत के माननीय प्रधान न्यायाधीश से परामर्श के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना को देश के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त करके प्रसन्न हैं. उनका कार्यकाल 11 नवंबर, 2024 से प्रभावी होगा.’

जस्टिस संजीव खन्ना को 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया. उन्हें 18 जनवरी, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. उनका जन्म 14 मई, 1960 को हुआ था. जस्टिस खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के ‘कैम्पस लॉ सेंटर’ से कानून की पढ़ाई की थी. 

चुनावी बांड पर सुनाया था फैसला
उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति खन्ना के कुछ महत्वपूर्ण फैसलों में चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के उपयोग को बरकरार रखना शामिल है. वह उन 5 न्यायाधीशों की पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने राजनीतिक दलों के वित्तपोषण के लिए बनाई गई चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक घोषित किया था.

जस्टिस खन्ना उन पांच न्यायाधीशों की पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने संबंधी केंद्र के 2019 के फैसले को बरकरार रखा था. न्यायमूर्ति खन्ना ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आरोपी दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थ.

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष है, जबकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की उम्र में पद मुक्त हो जाते हैं. केंद्र सरकार ने हाल में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से उनके उत्तराधिकारी का नाम बताने को कहा था. (PTI इनपुट के साथ)

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