दिल्ली पुलिस के सामने सत्यपाल मलिक का 'सत्याग्रह',  खाप नेताओं का मिला साथ, थाने में क्यों दिनभर हुआ हंगामा? 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Apr 23, 2023, 12:02 AM IST

खाप नेताओं के साथ आरके पुरम थाने में पहुंचे सत्यपाल मलिक. (तस्वीर-PTI)

सत्यपाल मलिक जाट समुदाय से आते हैं. उनके समर्थन में खाप नेता भी उतर आए हैं. उन्हें बीमा घोटाले से जुड़े एक केस में CBI ने तलब किया है.

डीएनए हिंदी: जम्मू और कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और उनके समर्थक खाप नेताओं ने दिल्ली के आरके पुरम थाने में विरोध प्रदर्शन किया है. शनिवार को दिल्ली पुलिस के सामने हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. सत्यपाल मलिक कुछ खाप नेताओं के साथ दक्षिणी दिल्ली के पार्क में बैठक आयोजित करना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. सत्यपाल मलिक के समर्थकों ने जमकर थाने में प्रोटेस्ट किया.

सोशल मीडिया पर इसी दौरान अफवाह फैली की सत्यपाल मलिक को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इन आरोपों को खारिज कर दिया. पुलिस ने कहा कि सत्यपाल मलिक को हिरासत में नहीं लिया गया है.

सत्यपाल मलिक ने पुलिस एक्शन पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह और उनके समर्थक आरके पुरम थाने में विरोध प्रदर्शन करने गए क्योंकि उन्हें पार्क में खाप नेताओं को खाना देने से रोका गया था. वहीं पुलिस का कहना है कि वे सभी दोपहर करीब ढाई बजे थाने से निकल गए. 

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क्यों थाने पहुंच गए खाप नेता और सत्यपाल मलिक?

हरियाणा के वरिष्ठ किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सत्यपाल मलिक और खाप नेताओं के एक समूह ने बैठक बुलाई थी, लेकिन आयोजन स्थल पर किसी के संबोधन का कार्यक्रम नहीं था. इसमें नियमों का उल्लंघन कहां हुआ?

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरके पुरम के एमसीडी पार्क में एक बैठक होनी थी और मलिक को इसमें हिस्सा लेना था. अधिकारियों ने सत्यपाल मलिक से कहा था कि यह बैठक करने की जगह नहीं है और न ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कोई अनुमति ली थी. उन्होंने कहा कि इसके बाद सत्यपाल मलिक और उनके समर्थक वहां से चले गए और बाद में पूर्व राज्यपाल खुद थाना आए.

क्या सच में दिल्ली पुलिस ने ली थी सत्यपाल मलिक की हिरासत?

दिल्ली पुलिस ने एक बयान जारी कर सत्यपाल मलिक को हिरासत में लिए जाने की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि वह अपनी मर्जी से थाने में आए थे. पुलिस उपायुक्त मनोज सी ने एक बयान में कहा, 'हमने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को हिरासत में नहीं लिया है. वह अपने समर्थकों के साथ आर के पुरम थाने में अपनी इच्छा से आए थे और हमने उन्हें सूचित किया कि वह अपनी इच्छा से जा सकते हैं.'

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पुलिसकर्मियों पर जमकर भड़के सत्यपाल मलिक

सत्यपाल मलिक ने कहा कि वह पार्क में मौजूद खाप नेताओं को खाना देना चाहते हैं. मलिक ने कहा, 'मेरे घर में ज्यादा जगह नहीं है, इसलिए मैंने उन्हें यहां खाना देने का फैसला किया. उन्हें कहीं से आदेश है कि लोगों को जमा होने की अनुमति न दी जाए और मुझे उन्हें खाना न देने दिया जाए. मैंने उनसे कहा कि मुझे गिरफ्तार कर लो और मैं आपके साथ आ रहा हूं.

सत्यपाल मलिक ने कहा, 'हमें किसी वैकल्पिक स्थान पर क्यों जाना चाहिए? हम थाने जाएंगे और वहां सत्याग्रह करेंगे मैं आर के पुरम पुलिस थाना जा रहा हूं और वहां विरोध प्रदर्शन करूंगा.'

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, 'मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि पुलिस ने हमें बैठक करने की अनुमति क्यों नहीं दी क्योंकि वहां किसी भी किसान नेता का भाषण निर्धारित नहीं था. मलिक जी पार्क में किसान नेताओं को भोजन परोसना चाहते थे. इसमें नियमों का कहां उल्लंघन हुआ है.'

दिल्ली पुलिस ने ट्विटर पर कहा कि मलिक की हिरासत के बारे में झूठी खबर फैलाई जा रही है. एक ट्वीट में कहा गया, 'सत्यपाल मलिक को हिरासत में लेने के संबंध में कई सोशल मीडिया हैंडल पर गलत सूचना फैलाई जा रही है. वह खुद आर के पुरम थाना अपने समर्थकों के साथ पहुंचे. उन्हें सूचित किया गया कि वह अपनी मर्जी से जाने के लिए स्वतंत्र है.'

CBI क्यों करना चाहती है सत्यपाल मलिक से पूछताछ?

CBI ने सत्यपाल मलिक से जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले के सिलसिले में कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं. सात महीने में यह दूसरी बार है जब विभिन्न राज्यों के राज्यपाल रह चुके मलिक से जांच एजेंसी पूछताछ करेगी. बिहार, जम्मू कश्मीर, गोवा और अंत में मेघालय में राज्यपाल रहे मलिक से पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई अधिकारियों ने पूछताछ की थी. 

एक इंटरव्यू और बढ़ गईं सत्यपाल मलिक की मुसीबतें!

सत्यपाल मलिक ने द वायर के लिए एक इंटरव्य दिया था. उन्होंने पुलवामा अटैक के बारे में कहा था कि सुरक्षाबलों ने गृहमंत्रालय से एयरलिफ्ट के लिए हेलीकॉप्टर की मांग की थी लेकिन मंत्रालय ने इसे रिजेक्ट कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी को इस बात की जानकारी थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी को भ्रष्टाचार से परहेज नहीं है. विपक्ष का कहना है कि उन्हें CBI ने नोटिस पीएम मोदी के खिलाफ दिए गए बयानों की वजह से भेजा है. (इनपुट: भाषा)

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