भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के अधिकारियों की तरफ से वित्त मंत्रालय को एक कंपलेन भेजी गई है. ये कंपलेन अगस्त महीने की है. इसमें टॉप मैनेजमेंट पर ऑफिस में गैरजिम्मेदाराना वर्ताव का आरोप लगाया गया है. इसके भीतर कैपिटल और कमोडिटी मार्केट रेगुलेटर की अनुवाई में टॉक्सिक वर्क कल्चर को प्रमोट करने की भी बात कही है. साथ ही टॉप मैनेजमेंट पर काम के दौरान गैरजिम्मेदाराना तरीके से चीखने चिल्लाने और अपमानित करने के आरोप लगाए गए हैं.
माधबी पुरी बुच पर हो चुके हैं गंभीर खुलासे
इसको लेकर सेबी के अधिकारियों की तरफ से 6 अगस्त को खत लिखा गया था. इस खत में लिखा गया कि 'ऑफिस मीटिंग में चीखना-चिल्लाना, डांटना और सबके सामने अपमानित करना आम बात हो गई है.' ये खत ऐसे वक्त पर आया है, जब सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को लेकर कई खुलासे हुए हैं. साथ ही उनपर निजी फायदे के लिए अडानी जांच को प्रभावित करने के भी आरोप लगे हैं. इस मुद्दे को लेकर जमकर सियासी घमासान छाया हुआ है. विपक्षी पार्टियों की ओर से ICICI बैंक की पूर्व CEO को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं.
सेबी ने इस खत को लेकर जारी किया अपना बयान
वहीं, जी ग्रुप के फाउंडर सुभाष चंद्रा ने मंगलवार को माधबी पुरी बुच पर करप्शन का आरोप लगाया. बुच की तरफ से ICICI बैंक के CEO रहते हुए कोई भी अवैध कार्य करने से इनकार किया गया है. वहीं, इस मुद्दे को लेकर सेबी की तरफ से कहा गया है कि ने कहा कि कर्मचारियों की समस्या से जुड़े मामले को सुलझा लिया गया है. इस मुद्दे को लेकर रेगुलेटर की तरफ से ईमेल के द्वारा जवाब दिया गया है. इस मेल में लिखा है कि 'इन मामलों को सेबी पहले ही सुलझा चुकी है.' उन्होंने आगे कहा, "कर्मचारियों की समस्याओं का हल ढंढने के लिए उनसे बातचीत की प्रक्रिया अपनाई गई है.'
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