डीएनए हिंदी: भारतीय सेना (Indian Army) अपनी नई यूनिफॉर्म को आतंकवादियों और अपराधियों की पहुंच से दूर करने के लिए कड़े क़ानूनों का सहारा लेगी. इसके लिए अब अनाधिकृत तरीक़े से सेना की यूनिफॉर्म बेचने वाले दुकानदारों को जेल और ज़ुर्माने का सामना करना पड़ेगा. अभी तक सेना केवल सूचना जारी कर ऐसी बिक्री को रोकने की कोशिश की जाती थी.
दरअसल, भारतीय सेना अपनी नई यूनिफॉर्म के डिज़ाइन को पेंटेंट करा रही है और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट के इस्तेमाल के लिए उसने आवेदन कर दिया है. इस आवेदन के मंज़ूर हो जाने के बाद सेना अपनी यूनिफॉर्म की अनधिकृत बिक्री करने वाले दुकानदारों के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकेगी. इस शिकायत के बाद दुक़ानदार को जुर्माना तो देना ही होगा, साथ में उसे जेल भी हो सकती है.
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गौरतलब है कि भारतीय सेना ने जनवरी में अपनी यूनिफॉर्म में बदलाव किए थे. नई यूनिफॉर्म भारतीय मौसम और ज़रूरत के हिसाब से है और ज्यादा बेहतर है. इस यूनिफॉर्म को केवल सेना की कैंटीन से ही खरीदा जा सकता है और तय दर्ज़ी से सिलवाया जा सकता है. यूनिफॉर्म को लेकर भारतीय सेना को आशंका है कि इस यूनिफॉर्म की कॉपी करके उसे सेना के कैंटोनमेंट्स के पास के बाज़ारों में बेचना शुरू हो सकता है.
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गौरतलब है पहले कई बार आतंकवादियों, लुटेरों और अपराधियों ने सेना या पुलिस की यूनिफॉर्म को पहनकर वारदातों को अंजाम दिया गया है इसलिए सेना संवेदनशील बाज़ारों में दुकानदारों को जागरूक बनाकर इसे रोकने की कोशिश करती रहती है लेकिन फिर भी किसी न किसी तरीके से शातिर अपराधी वर्दी पाकर बड़ी घटनाओं को अंजाम दे देते हैं.
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आमतौर पर संवेदनशील इलाक़ों जैसे जम्मू-कश्मीर और पंजाब में बिना आईडेंटिटी कार्ड किसी को यूनिफॉर्म नहीं मिलती लेकिन कई बार अपराधी दूसरी जगहों से यूनिफॉर्म हासिल कर लेते हैं. इससे पहले भी सेना ने अपनी यूनिफॉर्म की नकल रोकने की कोशिश की थी लेकिन उसमें पूरी क़ामयाबी नहीं मिली थी लेकिन अब यूनिफॉर्म में बदलाव के बाद सेना कॉपी करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन किया तैयारी कर रही है.
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