डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कांडला कस्बे में बाथरूम में नहाने गई एक लड़की की दम घुटने से मौत हो गई. लड़की की उम्र महज 17 साल थी. इशिका गोयल नाम की यह किशोरी 12वीं क्लास की पढ़ाई कर रही थी. वह नहाने गई थी लेकिन जब काफी देर तक वॉशरूम से बाहर नहीं आई तो परिवार वालों को कुछ और शक हुआ. लोगों ने दरवाजा तोड़ा तो देखा कि वह फर्श पर गिर पड़ी है.
आनन-फानन में लोग उसे अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने इशिका गोयल को मृत घोषित कर दिया. मौत की वजह गीजर से गैस का निकलना और वेंटिलेशन न होना बताया जा रहा है. हादसे के बाद इशिका का परिवार सदमे में है. शामली के स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुपम सक्सेना ने कहा, गैस गीजर आमतौर पर घरों में मौजूद होते हैं, लेकिन उनके वेंटिलेशन के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए.
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जानलेवा हो सकता है गीजर और ब्लोअर का इस्तेमाल
सर्दी के मौसम में गीजर और ब्लोअर का इस्तेमाल घरों में बढ़ जाता है. ठंड से राहत पाने के लिए लोग जहां अपने घरों में रूम हीटर या ब्लोअर का इस्तेमाल करते हैं वहीं बाथरूम में पानी को गर्म रखने के लिए गीजर का. इनका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल बेहद नुकसानदेह है और यह कई बार जानलेवा भी साबित हो सकता है.
सिद्धार्थ नगर के अताउर्रहमान हॉस्पिटल में तैनात डॉक्टर शाहिद अख्तर के मुताबिक रूम हीटर और गीजर से कार्बन मोनो ऑक्साइड उत्सर्जित होता है जिसकी वजह से जान भी जा सकती है. वहीं लगातार इस्तेमाल से ब्लास्ट और आग लगने जैसे भी खतरे भी पैदा हो सकते हैं. कार्बन मोनो ऑक्साइड शरीर के लिए धीमा जहर है. ऐसे में इनके इस्तेमाल में सावधानी बरती जानी चाहिए. सामान्यत: कार्बन मोनो ऑक्साइड तभी गीजर या रूम हीटर से निकलता है जब उसमें कोई तकनीकी खामी हो. यह गैस इन मशीनों से आने वाले धुएं में मौजूद होती है.
गीजर-हीटर से क्या हो सकता है नुकसान?
डॉक्टर चंडीकेश दत्त के मुताबिक गीजर, ब्लोअर और रूम हीटर से कार्बन मोनो ऑक्साइड के फैलने की आशंका होती है. रूम हीटर की वजह से कमरे में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. सांस के जरिए हम कार्बन डाइ ऑक्साइड छोड़ते हैं. इन संयंत्रों की वजह से पहले ही कार्बन मोनो ऑक्साइड उत्सर्जित होती है. ऐसे में बंद कमरे में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. कार्बन मोनो ऑक्साइड इतनी हानिकारक गैस है कि अगर ज्यादा मात्रा में यह निकले तो इंसान की अफनाकर मौत भी हो सकती है.
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सामान्य तौर पर सर्दी के मौसम में लोग अपने कमरे के दरवाजे बंद रखते हैं. ऐसे में रूम हीटर के इस्तेमाल से कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन तो होता है साथ ही वेंटिलेशन न होने से वहां ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी स्थिति में इंसान की जान भी जा सकती है.
गीजर ऑन करते वक्त बाथरूम की खिड़कियां रखें खुली
गीजर से भी बड़ी मात्रा में कार्बन मोनो ऑक्साइड निकलता है. बाथरूम में आमतौर पर खिड़कियां नहीं होती हैं या होती भी हैं तो उन्हें बंद रखा जाता है. जब भी गीजर से पानी गर्म करें तो खिड़कियां खोल दें. अगर बाथरूम में खिड़की नहीं है तो गीजर ऐसी जगह लगवाएं जहां खिड़कियां हों और वेंटिलेशन ठीक हो. कार्बन मोनो ऑक्साइड का असर तत्काल दिखाई नहीं देता है लेकिन यह नुकसानदेह है.
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कई बार लोग गीजर ऑन करके रूम से बाहर चले जाते हैं. जब बाथरूम की टोटी खोलते हैं तब पानी बेहद गर्म हो चुका होता है जिससे जलने की भी आशंका रहती है. कई बार गीजर के ब्लास्ट होने की भी खबरें सामने आई हैं. ऐसे में गीजर का इस्तेमाल करते वक्त सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है.
रूम हीटर के इस्तेमाल में क्या बरतें सावधानी?
रूम हीटर का इस्तेमाल कम से कम करें. बीच-बीच में कुछ समय के लिए हीटर बंद करते रहें. खिड़कियों को खुला रखें जिससे ऑक्सीजन की कमी न होने पाए. हीटर के आसपास कपड़े या कागज न रखें, ऐसा करने से आग लगने की आशंका कम होगी.
गीजर के इस्तेमाल में क्या बरतें सावधानी?
बाथरूम में खिड़कियों को खोलकर गीजर को ऑन करें. पानी गर्म करने के बाद तत्काल स्विच ऑफ कर दें. छोटे बच्चों को बाथरूम से दूर रखें ताकि बच्चों को करंट और गर्म पानी से जलने के खतरों से बचाया जा सके. हो सके तो गीजर हवादार जगह पर इंस्टाल करें.
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