उत्तराखंड के ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने सोमवार को बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ से 228 किलो सोने का घोटाला हुआ है. उस घोटाले के पैसे से दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाने का प्रयास हो रहा है. फिर यहां पर भी ऐसा ही घोटाला किया जाएगा. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे से भी उनके आवास मातोश्री पर मुलाकात की और कहा कि उनके साथ बड़ा विश्वासघात हुआ है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, 'हम हिंदू धर्म का पालन करते हैं. 'पुण्य' और 'पाप' में विश्वास रखते हैं. लेकिन मेरा मानना है कि विश्वासघात सबसे बड़ा पाप है, यही उद्धव ठाकरे के साथ हुआ है. हमने आज उनसे मुलाकात की और कहा कि उनके साथ हुए विश्वासघात से हम दुखी हैं. जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, हमारा दर्द खत्म नहीं होगा.'
228 किलो सोने का घोटाला
शंकराचार्य ने कहा, 'केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब कर दिया गया है. किसी को इसकी कोई परवाह नहीं है. इसका पता लगाने के लिए कोई जांच भी नहीं बैठाई गई है. इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अब कहा जा रहा है कि दिल्ली के बुराडी में केदारनाथ मंदिर बनाया जाएगा.'
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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि बारह ज्योतिर्लिंग निर्धारित हैं. इसके स्थान भी तय हैं, अगर दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाया जाएगा तो गलत होगा. हम पीएम मोदी के शुभचिंतक हैं. हमेशा उनका हित चाहते हैं. जब उनसे कोई गलती होती है तो हम उसको लेकर बोलते रहे हैं.
'राजनीति कर रहे शंकराचार्य'
शकराचार्य के बयान को लेकर एकनाथ शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने रिएक्शन दिया है. उन्होंने कहा कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी धार्मिक कम, राजनीतिक ज्यादा हैं. उद्धव ठाकरे से मिलने का उनक निजी मामला हो सकता है, लेकिन शिवसेना के अंदरूनी मामले में कमेंट करने से उनको बचना चाहिए. स्वामी होते हुए उन्हें शोभा नहीं देता.
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