महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर चाचा और भतीजे के बीच जोडतोड़ का खेल शुरू हो गया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को दावा किया कि उनके भतीजे अजित पवार के खेमे कुछ विधायकों ने उनके गुट के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल से मुलाकात की है.
लोकसभा चुनाव के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि अजित खेमे के कुछ नेता शरद पवार के साथ जाना चाहते हैं. जब शरद पवार से इस बारे में सवाल पूछा गया कि क्या महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के विधायकों के आपके साथ आने की कोई संभावना है? इस पर उन्होंने कहा, ‘मैंने ऐसे किसी व्यक्ति से मुलाकात नहीं की है, जो हमारी पार्टी छोड़कर वापस आना चाहता हो, लेकिन मुझे जानकारी मिली है कि उनमें से कुछ जयंत पाटिल से मिले हैं.’
पार्टी सिंबल की वजह से हो रही परेशानी
जयंत पाटिल एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हैं. अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न ‘तुरही बजाता व्यक्ति’ के बारे में शरद पवार ने कहा कि उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, क्योंकि कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न के रूप में ‘तुतारी’ या तुरही आवंटित किया गया था.
उन्होंने कहा, ‘सतारा में लोकसभा चुनाव के दौरान हमें इस चिह्न को लेकर समस्या हुई थी. अब यह मुद्दा अदालत में है, अगले सप्ताह इसपर सुनवाई होनी है.’
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'मोदी को जनता ने दिखाया आइना'
पवार ने कहा कि लोगों ने लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश को विफल कर दिया और राज्य विधानसभा चुनावों में भी INDIA गठबंधन को ऐसा ही जनादेश मिलेगा. (PTI इनपुट के साथ)
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