डीएनए हिंदी: शरद पवार ऐसे नेता हैं जिनके बारे में मजाक में कहा जाता है कि उनका अगला कदम क्या होगा वह खुद नहीं जानते. यही वजह थी कि जब शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की तो सब हैरान रह गए. एनसीपी के बाकी नेता उन्हें मनाते रहे आखिर में वह अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए तैयार हो गए हैं. अब कहा जा रहा है कि असल में शरद पवार का यह इस्तीफा पार्टी पर अपनी पकड़ मजबूत करने का तरीका भर है. ठीक ऐसा ही बाल ठाकरे किया करते थे. जब उनको लगता था कि शिवसेना में उनका विरोध हो रहा है तो वह इस्तीफे की पेशकश कर देते और पार्टी उनके नेतृत्व में फिर से एकजुट होने पर मजबूर हो जाती.
एनसीपी नेता अजित पवार ने मीडियाकर्मियों से कहा, 'हम सभी नेताओं ने उनसे मुलाकात की है और उन्हें इस मुद्दे पर आश्वस्त किया है. पवार साहब फिर से विचार करने के लिए सहमत हो गए हैं. उन्हें अपना निर्णय लेने के लिए 2-3 दिन का समय दें.' जाहिर तौर पर पद छोड़ने के फैसले के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शनों से नाराज 83 वर्षीय पवार ने अपने वरिष्ठ नेताओं से कहा कि यदि वह जिद्दी हैं, तो मैं और भी अधिक अडिग हूं. उन्होंने आंदोलन, धरना-प्रदर्शन, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल, राज्य भर के विभिन्न पदाधिकारियों के इस्तीफे, खून से पत्र लिखने वाले लोगों पर भी गुस्सा दिखाया.
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बाल ठाकरे जैसा दांव चल रहे शरद पवार?
लंबे समय से चर्चाएं हैं कि अजित पवार का गुट बीजेपी के साथ जाने का दबाव बनाने को तैयार है. शरद पवार इसके खिलाफ हैं और लगातार इसी को लेकर खींचतान जारी है. ऐसे में शरद पवार खुद की शक्ति आंकना और बताना चाहते हैं. इसके साथ ही वह यह भी दिखाना चाहते हैं कि एनसीपी मतलब शरद पवार ही है, कोई और इसकी दशा और दिशा तय करने की कोशिश न करे.
ठीक इसी तरह बाल ठाकरे ने साल 1992 में शिवसेना के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी थी. उस वक्त बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे और उनके भतीजे राज ठाकरे की बीच खींचतान चल रही थी. उनके इस्तीफे की खबर का असर यह हुआ कि शिवसेना पूरी तरह से बाल ठाकरे के पीछे खड़ी हो गई. आखिर में राज ठाकरे पार्टी छोड़कर चले गए और शिवसेना उद्धव ठाकरे के हाथ में आ गई.
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शरद पवार का इस्तीफा स्वीकार करने को तैयार नहीं NCP!
मंगलवार को दोपहर से राष्ट्रीय राजनीति में उठे राजनीतिक तूफान पर अजीत पवार ने कहा कि पार्टी का काम हमेशा की तरह चलता रहेगा और किसी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा. शरद पवार और अन्य नेताओं ने वाईबी चव्हाण सभागार और राज्य के अन्य हिस्सों के पास बैठे अपने सभी पार्टी कार्यकतार्ओं से अपील की कि वे अपने सभी विरोध प्रदर्शनों को बंद कर दें और शांति से घर चले जाएं.
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