डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में अजित पवार (Ajit Pawar) की बगावत के बाद पार्टी पर कब्जे की लड़ाई तेज हो गई है. अजित पवार और शरद पवार दोनों गुट एनसीपी पर अपना दावा ठोक रहे हैं. यह मामला चुनाव आयोग भी पहुंच गया है. इस बीच शरद पवार (Sharad Pawar) ने दिल्ली में NCP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई. इस दौरान उन्होंने कहा कि एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष में ही हूं. अगर कोई अपने आप को अध्यक्ष घोषित कर रहा है तो इसको महत्व देने की जरूरत नहीं है. इतना नहीं नहीं शरद पवार ने अजित पवार के रिटायरमेंट वाले बयान का भी जवाब दिया. पवार ने कहा, 'मैं 82 वर्ष का हूं या फिर 92 साल का इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.'
शरद पवार ने कहा कि हमारा विश्वास चुनाव आयोग पर है. हमें जो कुछ कहना है उसके लिए हम चुनाव आयोग के सामने जाएंगे. अगर कानूनी प्रक्रिया मे कुछ गलत हुआ तो हम दूसरे रास्ते के बारे में सोचेंगे. मुझे पूरा विश्वास है की 2024 में महाराष्ट्र में हुकुमत बदलेगी. उन्होंने कहा कि आज जिनके हाथ में सत्ता है, उन्हें दूर करेंगे. साथ ही जिन लोगों ने बगावत की है उन्हें कीमत चुकानी ही पड़ेगी.
बैठक के बाद एनसीपी नेता पीसी चाको ने बताया कि एनडीए से हाथ मिलाने वाले प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और 9 अन्य को पार्टी से निष्कासित करने संबंधी फैसले को कार्यसमिति ने मंजूरी दी. उन्होने बताया कि कि बैठक में 8 प्रस्ताव पारित किए गए. अजित पवार के बहुमत होने के दावे पर शरद पवार ने कहा, ‘सच सामने आ जायेगा.’ चाको ने कहा कि संगठन शरद पवार के साथ है. उन्होंने कहा कि शरद पवार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे. हम किसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के दावे को गंभीरता से नहीं लेते.
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चाको ने कहा, ‘हमारा संगठन अभी भी एकजुट है. राकांपा हर तीन साल पर चुनाव कराती है और लोग नियमित रूप से निर्वाचित होते हैं. कार्यसमिति द्वारा पारित प्रस्तावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के ‘अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कार्यों’ के खिलाफ रुख अपनाना भी शामिल है. इसने केंद्र सरकार की नीतियों की भी निंदा की और आरोप लगाया कि महंगाई, बेरोजगारी और महिलाओं की दुर्दशा बढ़ रही है.
अजित ने मीटिंग को बताया गैरकानूनी
शरद पवार की इस बैठक को एनसीपी के बागी गुट के नेता अजित पवार ने गैरकानूनी बताया. उन्होंने कहा कि NCP के प्रतिनिधित्व को लेकर विवाद फिलहाल चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में है. इसलिए पार्टी के अंदर किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है.
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अजित ने खुद को घोषित किया था NCP अध्यक्ष
गौरतलब है कि अजित पवार और उनके आठ सहयोगी 2 जुलाई को महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए थे. अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया, वहीं अन्य को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. डिप्टी सीएम बनने के बाद अजित ने एनसीपी पर अपने दावा ठोका और कहा कि पार्टी के 40 से ज्यादा विधायक उनके समर्थन में हैं. अजित ने इसके लेकर बुधवार को मुंबई में अपने समर्थक विधायकों की बैठक बुलाई थी. जिसमें 30 से ज्यादा विधायक उनके साथ नजर आए थे. अजित पवार ने इस दौरान शरद पवार को हटाते हुए खुद को NCP नया अध्यक्ष घोषित किया.
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