Congress President Election: शशि थरूर ने जारी किया घोषणापत्र, कांग्रेस में बड़े बदलाव करने का वादा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 07, 2022, 07:52 AM IST

कांग्रेस अध्यक्ष पद प्रत्याशी शशि थरूर

Shashi Tharoor ने कहा कि चुनाव BJP से मुकाबला करने के विभिन्न तरीकों पर आधारित मैत्रीपूर्ण प्रतिस्पर्धा है और इसका विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है.

डीएनए हिंदी: कांग्रेस पार्टी को ढाई दशक के अंतराल के बाद 'गैर गांधी' राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने जा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष पद पद के दोनों प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर इस चुनाव में वोट करने वालों से मिल रहे हैं. गुरुवार को केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों के कार्यकाल सीमित करने की वकालत की और कहा कि कांग्रेस को 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिए पार्टी में नई जान फूंकनी चाहिए. समर्थन की कमी के कारण पार्टी अध्यक्ष के चुनाव से अपनी उम्मीदवारी वापस लेने संबंधी अटकलों के बीच शशि थरूर ने कहा कि वह चुनाव मैदान में हैं और उन्हें विभिन्न तबकों से समर्थन प्राप्त हो रहा है.

तमिलनाडु में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय सत्यमूर्ति भवन में पत्रकारों से बातचीत में थरूर ने कहा, "मेरा संदेश है, पार्टी में नई जान फूंकें, कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाएं, अधिकारों का विकेन्द्रीकरण करें और लोगों से जुड़े. मेरा विश्वास है कि इससे कांग्रेस राजनीतिक रूप से 2024 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भाजपा का मुकाबला करने को तैयार होगी."

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यह स्पष्ट करते हुए कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का पूरा सम्मान करते हैं, शशि थरूर ने कहा कि चुनाव भाजपा से मुकाबला करने के विभिन्न तरीकों पर आधारित मैत्रीपूर्ण प्रतिस्पर्धा है और इसका विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि दोनों एक ही पार्टी के हैं.

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अपना चुनावी घोषणापत्र जारी करते हुए थरूर ने कहा, "हमारी पार्टी जिस तरह से काम करती है, हमें उसमें सुधार करने की जरूरत है. हमें पार्टी में युवाओं को शामिल करने और उन्हें वास्तव में अधिकार देने की जरूरत है. साथ-ही-साथ हमें परिश्रमी और पुराने कार्यकर्ताओं को और सम्मान देने की भी जरूरत है."

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शशि थरूर के घोषणापत्र में शक्ति / अधिकारों का विकेन्द्रीकरण, बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाना, पार्टी के राज्य प्रभारी के रूप में काम करने वाले महासचिवों का उपयोग देश निर्माण से जुड़ी गतिविधियों लिए करना और प्रदेश अध्यक्षों का कार्यकाल सीमित करके उन्हें फैसले लेने का पूरा-पूरा हक तथा सम्मान देना आदि शामिल हैं.

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इनपुट- भाषा

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