लगातार चौथी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनीं शेख हसीना, बांग्लादेश अवामी लीग को मिला बंपर बहुमत

Written By नीलेश मिश्र | Updated: Jan 08, 2024, 06:44 AM IST

Sheikh Hasina

Bangladesh Elections: बांग्लादेश में हुए चुनावों में बंपर जीत हासिल करने के बाद शेख हसीना लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं.

डीएनए हिंदी: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना एक बार फिर से चुनाव जीत गई हैं. वह लगातार चौथी और कुल पांचवीं बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनेंगी. उनकी बांग्लादेश अवामी लीग ने 300 संसदीय सीटों में से 200 पर जीत हासिल करके प्रचंड बहुमत वाली सरकार बनाने का दावा मजबूत कर लिया है. वह खुद गोपालगंज-3 सीट से जीती हैं. वह 2009 से अभी तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले, 1996 से 2001 तक भी वह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही हैं. इस बार मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगी दलों ने चुनाव का बहिष्कार किया है.

बांग्लादेश के चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा, 'हम अबतक उपलब्ध परिणामों के आधार पर अवामी लीग को विजेता कह सकते हैं लेकिन बाकी निर्वाचन क्षेत्रों में मतगणना खत्म होने के बाद अंतिम घोषणा की जाएगी.' हसीना ने गोपालगंज-3 संसदीय सीट पर फिर से शानदार जीत दर्ज की. उन्हें 2,49,965 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं बांग्लादेश सुप्रीम पार्टी के एम निजाम उद्दीन लश्कर को महज 469 वोट ही मिले. 

15 साल से प्रधानमंत्री हैं शेख हसीना
बांग्लादेश में साल 2009 से हसीना (76) के हाथों में सत्ता की बागडोर है. इसबार, एकतरफा चुनाव में वह लगातार चौथा कार्यकाल हासिल करने वाली हैं. प्रधानमंत्री के रूप में उनका अब तक का यह पांचवां कार्यकाल होगा. अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादिर ने दावा किया कि लोगों ने मतदान कर बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी के चुनाव बहिष्कार को खारिज कर दिया है. कादिर ने कहा, 'मैं उन लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने 12वें राष्ट्रीय संसदीय चुनावों में मतदान करने के लिए बर्बरता, आगजनी और आतंकवाद के खौफ का मुकाबला किया.'

यह भी पढ़ें- कौन हैं मरियम शिउना और जाहिद रमीज, जिन्होंने मालदीव की कराई थू-थू? 

जातीय पार्टी के अध्यक्ष जी. एम. कादिर ने चुनावों में रंगपुर-3 सीट पर जीत दर्ज की. मुख्य निर्वाचन आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने बताया कि शुरुआती अनुमान के मुताबिक, मतदान लगभग 40 प्रतिशत था लेकिन इस आंकड़े में बदलाव आ सकता है. साल 2018 के आम चुनाव में कुल मिलाकर 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था. चुनाव में बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण मतदान होने के बावजूद, अधिकारियों और मीडिया ने शुक्रवार देर रात से देश भर में कम से कम 18 स्थानों पर आगजनी की घटनाओं की सूचना दी जिनमें से 10 में मतदान केंद्रों को निशाना बनाया गया. 

BNP ने किया था चुनाव का बहिष्कार
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बीएनपी के नेताओं ने कहा कि पार्टी मंगलवार से शांतिपूर्ण सार्वजनिक भागीदारी कार्यक्रम के माध्यम से सरकार विरोधी अपने आंदोलन को तेज करने की योजना बना रही है. रविवार को हुए आम चुनावों का बहिष्कार करने वाली बीएनपी ने इसे 'फर्जी' करार दिया है. बीएनपी ने 2014 के चुनाव का बहिष्कार किया था लेकिन इसने 2018 में चुनाव लड़ा था. इसके साथ, 15 अन्य राजनीतिक दलों ने भी चुनाव का बहिष्कार किया. पार्टी के नेताओं ने दावा किया है कि चुनाव में हुए कम मतदान से यह स्पष्ट है कि उनका बहिष्कार आंदोलन सफल रहा.

यह भी पढ़ें- डोनाल्ड ट्रंप को फिर कोर्ट ने दिया झटका, अब ये है नई मुश्किल 

उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक विरोध कार्यक्रमों में तेजी आएगी और इससे लोगों को वोट देने का अधिकार स्थापित होगा. बीएनपी की इस दौरान 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल जारी है, जो शनिवार सुबह छह बजे शुरू हुई थी और सोमवार सुबह छह बजे खत्म होगी. पार्टी ने मतदाताओं से चुनाव से दूर रहने का आह्वान किया था ताकि इसे 'फासीवादी सरकार' के अंत की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया जा सके. इससे पहले, निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाओं के अलावा, 300 में से 299 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा. एक उम्मीदवार के निधन के कारण एक सीट पर मतदान बाद में कराया जाएगा.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.