डीएनए हिंदी: हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर थमता नजर नहीं आ रहा है. मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में सोमवार को लगातार तीसरे दिन भारी बारिश भविष्यवाणी की है. बारिश ने शिमला में जमकर तबाही मचाई है. बारिश की वजह से मकान, सड़कें और पेड़ पानी में बह गए. शिमला से आए वीडियो और तस्वीरें देखकर आप सहम जाएंगे. आइए जानते हैं कि बारिश की वजह से शिमला में कितनी तबाही मची है.
सोमवार को बादल फटने से सोलन के चेवा गांव में बड़ा भूस्खलन हुआ, जबकि हिमाचल प्रदेश के मंडी के थुनाग इलाके में अचानक बाढ़ आ गई. जिससे राज्य में लोगों में दहशत फैल गई. बादल फटने की वजह से दुकानें और घरों में पानी भर गया. इसके साथ भूस्खलन की वजह से मकान और पेड़ उखड़ गए.
कालका और शिमला के बीच ट्रेन सेवा हुई बंद
बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. खतरे को कम करने के लिए प्रशासन अपनी तरफ से किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहता. कालका टू शिमला रेल मार्ग को 10 और 11 जुलाई तक 2 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. लगातार हो रही लैंडस्लाइडिंग के चलते जगह-जगह पेड़ गिरे हैं. लैंडस्लाइड के कारण पहाड़ों से पत्थर रखकर रेल मार्ग पर गिर रहे हैं.
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गिरे इतने पेड़
सोमवार को शिमला शहर में 17 पेड़ कहर बनकर टूटे. ओकओवर के पास स्थित राहत होटल परिसर में देवदार का पेड़ ढह गया. कुछ गाड़ियों को भी नुकसान हुआ है. बैम्लोई में दो जगह पर तीन पेड़ ढह गए.
भूस्खलन से तीन की मौत
शिमला पुलिस के अनुसार ठियोग के पल्लवी गांव में भूस्खलन हुआ है. यहां पर तीन लोगों की मौत हुई है. जानकारी के अनुसरा, ठियोग में पाल्वी के कोट शिलारू में तीन नेपाली मजदूरों के ऊपर मलबा गिरा है और ये तीनों लोग मलबे में दब गए थे.
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शिमला में स्कूल - कॉलेज बंद
राज्य सरकार ने भारी बारिश को देखते हुए सोमवार और मंगलवार को सभी स्कूल और कॉलेज बंद करने के निर्देश दिए.. इसके साथ चंडीगढ़ शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन होने की वजह से एक लाइन को बंद कर दिया गया. वहीं, यार अपनी देर रात एक टीम लगाकर बारिश के बाद नदी के किनारे स्थित लगवाई गांव के पास व्यास नदी में फंसे 6 लोगों को बचाया.
पीने के पानी का संकट
शिमला में हो रही लगातार बारिश की वजह से पीने के पानी का संकट हो गया है. अधिकारी ने बताया कि बारिश के कारण कई जगहों पर जलापूर्ति पाइप को भी नुकसान पहुंचा है. अधिकारियों शहर वासियों से पानी का सही तरीके से उपयोग करने और पीने के अलावा अन्य जरूरतों के लिए वर्षा जल का उपयोग करने का आग्रह किया. शिमला को कई इलाकों में बीते दो दिनों से साफ पानी की आपूर्ति नहीं हुई है.
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