डीएनए हिंदी: भारत और पाकिस्तान का क्रिकेट मैच रोकने के लिए बाल ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना नेताओं ने पिच ही खोद दी थी. शिशिर शिंदे पिच खोदने वाले नेताओं में सबसे आगे थे और यही उनकी पहचान बन गई. कुछ महीनों पहले ही शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) के उपनेता बनाए गए शिशिर शिंदे ने अब पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. शिंदे ने कहा है कि इतने दिनों में न उन्हें कोई जिम्मेदारी दी गई है और न ही उद्धव ठाकरे उनसे मिल रहे हैं.
अपने इस्तीफे में शिशिर शिंद ने लिखा है कि लगभग एक साल पहले उन्हें पार्टी का उपनेता बनाया गया लेकिन अभी तक कोई पद नहीं दिया गया. उन्होंने यह भी कहा है कि शिवसेना में उनके चार साल बर्बाद हो गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 6 महीने से वह उद्धव ठाकरे से मिलने की कोसिश कर रहे हैं लेकिन उनसे मुलाकात ही असंभव हो गई है.
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2018 में शिवसेना में लौटे थे शिशिर शिंदे
बता दें कि साल 2005 में जब राज ठाकरे और उनके चाचा यानी बाल ठाकरे के बीच मतभेद हुए तो राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़ दी थी. शिशिर शिंदे भी उनके साथ ही पार्टी छोड़ने वालों में थे. हालांकि, साल 2018 में वह शिवसेना में लौट आए लेकिन 2022 तक उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई. एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिशिर शिंदे को शिवेसना को उपनेता बनाया गया.
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बता दें कि साल 1991 में शिवसेना ने भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट मैच का खूब विरोध हुआ था. बाल ठाकरे ने ऐलान किया कि शिवसैनिक उस पिच को ही खोद देंगे. शिशिर शिंदे इस अभियान के अगुवा बने और पिच खोदने की वजह चर्चा में आ गए.
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