शिवसेना नेता संजय राउत को कुछ ही घंटों में मिली बेल, कोर्ट ने 15 दिनों के लिए सुनाई थी जेल की सजा

मीना प्रजापति | Updated:Sep 26, 2024, 04:22 PM IST

संजय राउत को कुछ ही मिनटों में बेल मिल गई. उन्हें 15 दिन की जेल की सजा सुनाई गई थी.


शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत को गुरुवार को मुंबई कोर्ट से जमानत मिल गई. राउत पर मानहानि का मामला दर्ज किया गया था.  भाजपा नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत को गुरुवार को मुंबई की एक अदालत ने जमानत दे दी. राउत की सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया, जिससे उन्हें अपील दायर करने का समय मिल गया. 

25,000 रुपये का जुर्माना
न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) आरती कुलकर्णी ने राउत को 15 दिन की सजा सुनाई थी. अदालत ने राउत को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत दोषी पाया, जो मानहानि के लिए दंड से संबंधित है. जेल की सजा के अलावा, राज्यसभा सदस्य पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. हालांकि, राउत को सजा के 30 दिन के निलंबन की अनुमति दी गई, जिससे उन्हें अपील दायर करने की अनुमति मिल गई. उनके वकील ने सजा के निलंबन और जमानत दोनों के लिए आवेदन दायर किए, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.

राउत ने दी प्रतिक्रिया
इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा कि भ्रष्टाचार और अन्य गुनाहों के खिलाफ आवाज उठाने वाले हम जैसे लोगों को उस देश में न्याय कैसे मिल सकता है, जहां खुद पीएम गणपति उत्सव के दौरान मुख्य न्यायाधीश के घर जाते हैं. उन्होंने कहा कि यह फैसला मुझे 'अपेक्षित' था. इस फैसले को पास करने वाले जज का मैं दिल से सम्मान करता हूं. उन्होंने आगे कहा कि मैंने जो भी कहा वह सब आरोप था, वह व्यक्ति यानी किरीट सौमेय भी आरोप लगाता रहता है. कोई बात नहीं अगर यह फैसला आया है, लेकिन एक बात तो तय है कि देश में न्यायापालिका का केंद्रीकरण हो गया है.


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क्या था मामला
मानहानि का मुकदमा मेधा सोमैया द्वारा दायर किया गया था. सोमैया ने आरोप लगाया था कि राउत ने उनके और उनके पति के खिलाफ मानहानि के आरोप लगाए थे और उन्हें मीरा भयंदर नगर निगम के तहत सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण और रखरखाव से जुड़े 100 करोड़ रुपये के घोटाले से जोड़ा था. मेधा सोमैया ने वकील विवेकानंद गुप्ता के माध्यम से दायर अपनी शिकायत में कहा कि आरोपी द्वारा मीडिया को दिए गए बयान अपने आप में मानहानि कारक हैं. ये बयान आम जनता की नजरों में मेरे चरित्र को खराब करने के लिए दिए गए हैं.

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